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औरंगाबाद में जिला निबंधन परामर्श केंद्र एवं बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के कर्मियों की दूसरे दिन भी हड़ताल जारी, मांगों को लेकर हैं डटे
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बहुप्रतीक्षित अपनी कई मांगो को लेकर
बिहार राज्य सिंगल विण्डों आपरेटर-मल्टी परपस असिटेंट संघ अब नीतीश सरकार से आर-पार के मूड में आ गई है। संघ की औरंगाबाद जिला ईकाई के कर्मी अपनी मांगों को लेकर चार दिवसीय शांतिपूर्ण हड़ताल कर रहे है। इन सभी कर्मियों का कहना है कि सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है। उन्हें कार्य के अनुरूप मानदेय नहीं मिल रहा है जिससे उन सभी के पारिवारिक जिंदगी से लेकर बच्चों की शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ रहा है। कर्मियों ने कहा कि राज्य सरकार के संबंधित मंत्री हमलोगों की मांगों पर अतिशीघ्र ध्यान दें । मालूम हो कि ये कर्मी राज्य सरकार द्वारा गठित चौधरी कमिटी की अनुशंसा को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
आपको बता दें कि पाँच-सूत्री प्रमुख माँगो को लेकर सभी SWO/MPA के कर्मी 14 मार्च से लेकर 17 मार्च तक हड़ताल पर हैं । और वे अपनी मांगों को लेकर चार दिवसीय शांतिपूर्ण तरीके प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगे हैं :
1.बिहार सरकार द्वारा गठित अशोक चौधरी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमिटी के अनुशंसाओ को पूर्ण रूप से जिला निबंधन एवं एवं परामर्श केंद्र में नियोजन सभी SWO/MPA के कर्मियों पर अविलंब लागू किया जाए।
2. सभी SWO/MPA कर्मियों के वर्तमान मानदेय में कम से कम 10 हजार की वृद्धि की जाए।
3. सभी SWO/MPA के कर्मियों का स्थानांतरण अपने गृह जिला में अथवा नजदीकी जिले में अथवा ऑप्शन मांग कर किया जाए।
4. क्षतिपूर्ति के रूप में की गई कटौती (एक माह का वेतन) को सूद समेत वापस किया जाए।
5. आकस्मिक अवकाश जो वर्तमान में 22 दिन पर 01की गणना से देय है उसमें बदलाव करते हुए नियोजन के समय लागू सामान्य प्रशासन विभाग का संकल्प 2401 दिनांक 18.07.2017 को लागू किया जाए।
वहीं इन मांगों के पूरी न होने पर कर्मी विभाष कुमार एवं तमाम SWO/MPA कर्मियों का कहना है कि लंबे समय से हम लोग अपनी मांगों को लेकर सरकार एवं विभाग के समक्ष विभिन्न तौर पर आग्रह एवं प्रार्थना करते रहे हैं इसके बावजूद हम कर्मियों को सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा है। वहीं अब अगर विभाग अथवा सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो राज्य भर के सभी SWO/MPA कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर और कोर्ट की शरण में जाएंगे। इसकी पूर्ण जिम्मेवारी सरकार की होगी।
गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय में प्रथम और सबसे लोकलुभाव आर्थिक हल युवाओं को बल के अंतर्गत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यकम योजना चलाई जा रही है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत 4 लाख तक की ऋण राशि विद्यार्थियों को दी जा रही है। बेरोजगार युवाओं के लिए भत्ता योजना के अंतर्गत ₹1000 की राशि 24 माह तक दी जाती है।
इसके साथ ही कुशल युवा कार्यक्रम में 3 महीने का कंप्यूटर प्रशिक्षण, कौशल विकास, भाषा ज्ञान का प्रशिक्षण दिया जाता है। लेकिन कर्मियों का कहना है कार्य के अनुसार उन्हें मानदेय नहीं दिया जा रहा है।