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महिलाओं को बिना बेहोश किए नसबंदी करने पर बिफ़रे VPI नेता रविशंकर कुमार, कहा- कोमा में चली गई है नीतीश सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की एकबार फिर से कलई उस समय खुल गई जब बीते दिनों खगड़िया में डॉक्टरो ने परिवार नियोजन कराने के लिए आई कई महिलाओं के ऑपरेशन बिना बेहोशी के इंजेक्शन दिए ही जबरदस्ती हाथ-पैर बांधकर कर दिए । मामला बिहार के खगड़िया जिले के अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है। वहीं अब इस मामले में कई राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बिहार में वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के बिहार प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रविशंकर कुमार ने इस मामले को डॉक्टरों की क्रूरता और राज्य सरकार की विफलता बताते हुए नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा है।

VPI नेता ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यही बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था है। महिलाएं रोती-चिल्लाती रही, लेकिन उसका हाथ-पैर पकड़कर ऑपरेशन कर दिया गया। ये बातें वे नहीं खुद महिलाएं कह रही हैं कि स्वास्थ्य कर्मियों ने जबरन हाथ, पैर पकड़कर और मुंह बन्द करके ऑपरेशन किया। इस दौरान वह चीखती-चिल्लाती रही हैं ।

वीपीआई नेता रविशंकर ने कहा कि अब नीतीश सरकार को इस मामले की जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। इतनी बड़ी लापरवाही होना कोई मामूली बात नहीं है। अगर इतने साल तक बिहार की सता में काबिज रहने के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं की यह हालत है तो फिर उन्हें सता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था कोमा में चली गई है। हर जगह से मरीजों की देख-रेख में कमी और दवाइयों आदि के न मिलने की खबरें आना तो आम बात हो गयी है। लेकिन खगड़िया में बिना बेहोश किए महिलाओं के बंध्याकरण की खबर से मानवता भी शर्मसार हो गई है।

वीपीआई नेता रविशंकर ने आगे कहा कि खगड़िया की घटना से यह साफ़ हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग को अब खुद इलाज की जरूरत है। हमारी सरकार से मांग है कि इस घटना की गहन जांच करायी जाए और दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाए।

आपको बता दें कि बीते दिनों खगड़िया के अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिलाएं दर्द से कराहती रहीं, लेकिन उसके बावजूद भी डॉक्टर ने बिना बेहोश किए ही उनका ऑपरेशन कर दिया। वहीं चिकित्सकों का मानना है कि इस तरह के ऑपरेशन से महिलाओं की मौत भी दर्द से हो सकती है। अब इस मामले में सिविल सर्जन द्वारा जांच करने की बात कही जा रही है।

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