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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन:आज रविवार यानि 5 दिसंबर 2021 को अगहन मास का शुक्ल पक्ष शुरू हो रहा है। इस पक्ष का विशेष महत्व है । इसका वर्णन हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथ गीता में भी है। खुद श्रीकृष्ण ने गीता सुनाते हुए अर्जुन से कहा था, माहों में मैं मार्गशीर्ष हूं। अगहन मास को ही मार्गशीर्ष मास कहा जाता है। साथ ही सूर्यदेव को सूर्य नारायण कहकर संबोधित किया जाता है।आज के दिन अगर सूर्य पूजा की जाए साथ ही सूर्य देव से संबंधित उपाय किए जाएं तो मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।
रविवार के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाने से धन-संपत्ति में बरकत होती है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा अपने भक्तों पर हमेशा बनी रहती है। रविवार के दिन घर के सभी सदस्यों को पूजा करने के बाद माथे पर चंदन का तिलक लगाना चाहिए।ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। मान्यता है कि रविवावर के दिन मछलियों को आटे की गोली बनाकर खिलाना शुभ होता है। इस उपाय को करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती।
यदि आप मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो रविवार के दिन शाम को गाय के घी से घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ दीपक जलाना चाहिए। रविवार के दिन शाम को शिव मंदिर में गौरी शंकर की पूजा करनी चाहिए और उन्हें रूद्राक्ष चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि यदि रविवार के दिन शाम को पीपल के पत्ते पर अपनी मनोकामना लिखकर उसे बहते जल में प्रवाहित करते हैं तो आपकी मनोकामना पूर्ण होंगी।
यदि किसी काम को करने में असफलता हासिल हो रही है तो रविवार के दिन सोने से पहले एक गिलास गाय का दूध अपने सिरहाने रखकर सोएं। फिर सुबह पूजा करने के बाद उस दूध को ग्रहण कर लें। रविवार के दिन तीन नई झाडू खरीद कर लाएं और इन्हें देवी मां के मंदिर के रख दें। ध्यान रखें कि इस दौरान कोई आपको न देखें और न ही टोके। ऐसा करने से मां लक्ष्मी धन की बरसात करती हैं।
भगवान सूर्यदेव और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए रविवार के दिन ‘आदित्य हृदय स्रोत’ का पाठ करना चाहिए। इस पाठ को करने से घर में हमेशा बरकत बनी रहती है। रविवार के दिन चीटियों को भोजन करना भी शुभ माना जाता है और इस दिन चीटियों को शक्कर शक्कर खिलानी चाहिए.
औरंगाबाद जिले में स्थित सूर्यमंदिर देश के प्रतिष्ठित सूर्य मंदिरों में से एक है। यहां भगवान सूर्य का मंदिर पश्चिम दिशा की ओर है, जो कि एक अलग ही आश्चर्य का विषय है। डेढ़ लाख साल पुराने इस मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने खुद किया था, ऐसी मान्यता है। यहां के मंदिर में हर रविवार को आदित्य हृदय स्त्रोत का जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
इस मंदिर में दर्शन करने देश के कोने-कोने से लोग आते हैं । लोग यहाँ आकर मन्नत मांगते हैं । महापर्व छठ पूजा के दौरान तो यहाँ कई लाख लोग सूर्य उपासना को पहुचते हैं । इस अवसर पर श्रध्दालुओं की काफी भीड़ रहती है।