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STET पास अभ्यर्थियों की नजर अब कमिटी की रिपोर्ट पर टिकी, 2012 से भी पास होकर भटक रहे हैं STET अभ्यर्थी
बिहार में हमेशा से प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट विवादों में रहा है. इस बार भी वही हुआ जिसकी सभी ने कयास लगाए थें . बिहार मे कुछ दिन पहले STET 2019 परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया. लेकिन विवाद होते देर नहीं लगी.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन : बिहार में हमेशा से प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट विवादों में रहा है. इस बार भी वही हुआ जिसकी सभी ने कयास लगाए थें . बिहार मे कुछ दिन पहले STET 2019 परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया. लेकिन विवाद होते देर नहीं लगी. कई सारी खामियों से यह परीक्षा परिणाम घिर गया . कुल 15 विषयों का रिजल्ट जारी किया गया है . लेकिन मेरिट लिस्ट के मामला मे पास अभ्यर्थियों का भविष्य फंस गया है. पास अभ्यर्थियों का कहना है की रिजल्ट में धांधली की गई है.
लेकिन अब एक और बात निकलकर सामने आ रही है. दरअसल अब महिला अभ्यर्थियों ने बिहार बोर्ड पर वादा खिलाफ़ी का आरोप लगाया है. महिला अभ्यर्थियों का कहना है कि बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने पहले कहा था की 45 प्रतिशत अंक लाने पर सभी को सभी को क्वालीफाई कर दिया जाएगा . लेकिन जनरल कैटेगरी की महिलाएं अब ठगा हुआ महसूस कर रही हैं क्योंकि जनरल कैटेगरी की महिलाओं को 50 प्रतिशत अंक लाने पर पास किया गया है. इससे जनरल कैटेगरी की हजार से अधिक महिलाएं छंट गई हैं.हालांकि इससे पहले की TET -STET की परीक्षा में महिला अभ्यर्थियों को 5 प्रतिशत की छूट दी गई थी .
गौरतलब है कि बिहार बोर्ड यह जानकारी भी नहीं दे रहा है कि STET पास कितने स्टूडेंट विषयवार मेरिट लिस्ट में नहीं आये हैं. इस कारण से भी अभ्यर्थियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इधर अभ्यर्थियों का आरोप यह भी है कि जब नियोजन इकाई मेरिट लिस्ट जारी करती है तो बिहार बोर्ड ने मेरिट लिस्ट कैसे और किस नियमों के आधार पर जारी कर दिया, क्योंकि रिजल्ट जारी होने के बाद मेरिट लिस्ट जारी करने का काम नियोजन इकाई का होता है. अब सातवें चरण की बहाली में लगभग 37 हजार 400 पदों पर बहाली होनी है इससे पहले मेरिट लिस्ट से बाहर हुए अभ्यर्थी अब परेशान हैं.
आपको बता दे कि 15 विषयों में मेरिट लिस्ट में कुल 30675 अभ्यर्थी हैं, वहीं मेरिट लिस्ट के आधार पर 6772 सीटें कम रह गई हैं. इधर लगातार अभ्यर्थियों के हंगामे और आंदोलन के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने चार सदस्यीय कमिटी बना दी है जो 29 जून को रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौपेगा.
आपको बता दें कि 2012 से STET पास इतिहास और सामाजिक विज्ञान के अभ्यर्थियों की भी यही हालत है. उनका 8 साल के बाद भी नियोजन नहीं हो सका है और वे दर – दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. हालांकि उनका अब छठे चरण का नियोजन किया जाएगा. लेकिन लगातार अभ्यर्थियों का कहना है कि केवल सरकार अपनी बहाली की औपचारिकता पूरा करती है. उन्हें सीट नहीं दिया जा रहा है. अगर सीट सरकार देती तो वे रोड पर 8 वर्षों से नहीं भटक रहे होंतें.