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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में अभी ग्राम पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अभी से ही नगर निकायों के चुनाव की तैयारियों के लिये भी बात सामने आने लगी है। अगले साल अप्रैल- मई महीने में नगर निकायों के चुनाव होंगे । यह बात अभी से ही तय हो गये हैं ।
राज्य के वर्तमान 142 नगर निकायों का कार्यकाल जून 2022 में खत्म हो रहा है। ऐसे में पुराने 142 व नये 117 सहित कुल 259 नगर निकायों के चुनाव एक साथ ही कराये जायेंगे। इसको लेकर राज्य सरकार के स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. वर्तमान में सूबे में 18 नगर निगम, 83 नगर पर्षद व 158 नगर पंचायत अधिसूचित हैं।
बता दें की दिसंबर 2020 में राज्य सरकार ने 117 नये नगर निकायों की अधिसूचना जारी की थी। इनमें छह नगर निगम, 34 नगर पर्षद व 77 नगर पंचायत शामिल रहे। इनमें कई नगर पर्षद को नगर निगम में, कई नगर पंचायत को नगर परिषद में और कई ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में उत्क्रमित किया गया। कई ग्राम पंचायत को सीधे नगर पर्षद का दर्जा भी दिया गया।
वहीं अभी जो नये नगर निकायों के की घोषणा की गई है पुनर्गठन उसके सीमांकन का कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन के सहयोग से कार्यपालक पदाधिकारियों द्वारा वार्डों का सीमांकन कर उसका प्रस्ताव नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा जायेगा।
इसके उपरांत विभाग के स्तर पर मुहर लगने के बाद इसे अधिसूचित किया जायेगा. डीएम को सीमांकन के लिए प्रति पंचायत पांच-पांच कर्मचारी मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। इस बार जो नये नगर निगम बनाए गये हैं वे हैं : सासाराम, मोतिहारी, बेतिया, मधुबनी, समस्तीपुर, सीतामढ़ी।
मालूम हो की बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के मुताबिक नगर निगम के मामले में दस लाख से अधिक आबादी होने पर हर 75 हजार की आबादी पर एक वार्ड बनाया जायेगा। पांच से दस लाख आबादी वाले नगर निगम में 50 हजार पर जबकि दो से पांच लाख आबादी वाले नगर निगम में 25 हजार की आबादी पर एक वार्ड का गठन होगा।
आबादी के मुताबिक वार्डों की संख्या न्यूनतम 45 से अधिकतम 75 तक होगी। नगर परिषद के मामले में 1.5 लाख से ऊपर आबादी होने पर 15 हजार पर, एक लाख से ऊपर आबादी पर 10 हजार पर और 40 हजार से ऊपर आबादी पर एक वार्ड पार्षद की व्यवस्था होगी।
वहीं दो हजार की आबादी पर एक वार्ड पार्षद का प्रावधान है जबकि एक नगर पंचायत में वार्ड की अधिकतम संख्या 25 रहेगी । जबकि न्यूतम 10 हो सकती है।