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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब बीएड वाले नहीं बल्कि केवल BTC वाले बन सकेंगे प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल यह खबर शिक्षा से जुड़ी है। जहाँ बीएड और बीटीसी (B.Ed BTC) करने वाले तमाम उम्मीदवारों के लिए झटका माना जा रहा है। क्योंकि भारत सरकार द्वारा दाखिल की गई एक याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा निर्णय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने BEd और BTC मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि सिर्फ बीएड डिग्री के आधार पर अब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नहीं बना जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ये फैसला सुनाया।
दरअसल राजस्थान सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लिए एक भर्ती निकाली थी जिसमें सरकार द्वारा बीएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती के लिए अयोग्य घोषित किया गया था। सरकार के फैसले के बाद B.Ed अभ्यर्थियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय का रुख किया जहां अदालत द्वारा सरकार के इस फैसले को सही ठहराया गया। राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां आज न्यायमूर्ति अनिरुद्ध कुमार बोस की अध्यक्षता वाली बेंच ने राजस्थान सरकार की इस पॉलिसी को सही ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। और इस निर्णय को लेकर नीचे आपको सभी महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं।
➡️दरअसल बीएड (B.Ed) बनाम बीटीसी डीएलएड (BTC/DElEd) केस में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के पुराने फैसले को सही करार दिया है और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए बीएड करने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंततः यह निर्णय लिया गया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया था कि बीएड करने वाले उम्मीदवार प्राथमिक शिक्षकों की दावेदारी से बाहर रहेंगे उसी को अब सुप्रीम कोर्ट ने भी भारत सरकार द्वारा दाखिल की गई याचिका की सुनवाई में जारी रखा है और राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को कहीं ना कहीं तवज्जो दी है।
➡️आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीएड (B.Ed) करने वाले सभी उम्मीदवार अब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने की दावेदारी से बाहर हो गए हैं और वह प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक नहीं बन पाएंगे फिलहाल के लिए आगे आने वाली सभी भारतीयों के लिए यह निर्णय मान्य होगा।
यहां साफ-साफ कहने का मतलब यह है कि बीएड करने वाले कैंडिडेट अब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नहीं बन पाएंगे और केवल बीटीसी करने वाले उम्मीदवार की प्राइमरी स्कूलों में प्राणी प्राथमिक विद्यालयों में अब शिक्षण कार्य कर पाएंगे।
➡️ *NCTE का नोटिफिकेशन, जिससे शुरू हुआ विवाद* –
NCTE ने साल 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी कर B.Ed. डिग्रीधारकों को भी REET लेवल प्रथम के लिए योग्य माना था। NCTE ने यह भी कहा था कि अगर B.Ed. डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के साथ 6 माह का ब्रिज कोर्स करना होगा। NCTE के इस नोटिफिकेशन को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। B.Ed. डिग्रीधारियों ने भी खुद को REET लेवल प्रथम में शामिल करने को लेकर याचिका लगाई। इस पर फैसला नहीं हो पाया। राजस्थान सरकार ने REET 2021 का नोटिफिकेशन जारी किया, तो उसमें B.Ed. डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ परीक्षा में बैठने दिया कि आखिरी फैसला हाईकोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगा।