BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: अब राज्यों को ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार राज्यों को मिल गया है। अब वे अपने हिसाब से राज्यों में ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकते हैं । इसके लिये राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने 127 वें संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी है।
राष्ट्रपति से हरी झंडी मिलते ही यह बिल अब कानून की शक्ल ले चुका है। बता दें कि मॉनसून सत्र के खत्म होने से ठीक पहले लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी इस बिल को मंजूरी मिल गई थी। इस बिल का पक्ष और विपक्ष दोनों ने समर्थन किया था। इस कानून के बनने से ओबीसी समुदाय को एक तरह से बड़ा तोहफा मिल गया है।
दरअसल, संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में मौजूद सभी 186 सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया। राज्यसभा में जहां इस बिल के पक्ष में 186 वोट पड़े थे, वहीं लोकसभा में 385 वोट पड़े थे। अब कानून बन जाने के बाद इसके तहत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने स्तर पर ओबीसी आरक्षण के लिए जातियों की सूची तय करने और उन्हें कोटा देने का अधिकार होगा। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए मराठा कोटे को सुप्रीम कोर्ट से खारिज किए जाने के बाद केंद्र सरकार यह विधेयक लाई थी।
मराठा आरक्षण पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार की ओर से इस तरह किसी भी समुदाय को ओबीसी सूची में शामिल नहीं किया जा सकता। अदालत के इस फैसले से महाराष्ट्र में मिला मराठा आरक्षण खारिज हो गया था और राज्य में आंदोलन शुरू हो गए थे। इसके बाद सरकार यह बिल लाई है। इससे महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की राह आसान होगी। इसके अलावा अन्य राज्यों में भी प्रदेश सरकारों को अपने मुताबिक सूची तैयार करने का अधिकार मिलेगा। राज्यसभा में इस विधेयक पर बहस के दौरान कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को भी खत्म करने की मांग की थी।
वहीं आपको बता दें की संसद में पहली बार यह देखा गया की यह बिल किसी बहस और विवाद के दोनों सदनों में ध्वनिमत से पारित हो गया । यानी कि दोनों सदनों के किसी भी सदस्य ने इस बिल का विरोध नहीं किया ।