BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
विशेष रिपोर्ट: क्या नये साल में तेजस्वी को कमान सौंप देंगे राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद, 20 फरवरी को है राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
जे.पी.चन्द्रा की विशेष रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में नये वर्ष में बहुत कुछ बदलने वाला है, खासकर राजनीति के क्षेत्र में । राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पटना में बैठक होनेवाली है। लेकिन इस बैठक के कई निहितार्थ है। दरअसल, राजद में लंबे समय से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लालू प्रसाद अपने पुत्र तेजस्वी को कमान सौंपना चाहते हैं । लेकिन संयोग नहीं जुट रहा था। परंतु अब माना जा रहा है कि अब पार्टी और परिवार में लगभग सहमति बन चुकी है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में लालू प्रसाद के तीन वर्षों का कार्यकाल 10 दिसंबर को खत्म होने जा रहा है, लेकिन बदले हालात में इससे पहले ही नया नेता चुन लेना है। यही कारण है कि हर बार राजद के स्थापना दिवस पर पांच जुलाई से शुरू होने वाला संगठन चुनाव एवं सदस्यता अभियान की प्रक्रिया इस बार मार्च से ही शुरू हो जाएगी। सितंबर-अक्टूबर तक नए अध्यक्ष की ताजपोशी भी हो जाएगी। राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पटना में 20 फरवरी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें संगठन चुनाव समेत आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार किया जाएगा। इसके बाद ताजपोशी की जाएगी।
राजद में नए नेतृत्व के लिए सारे संयोग जुट रहे हैं। लालू प्रसाद की तबीयत पिछले करीब तीन वर्षों से खराब चल रही है। इलाज एम्स में कराया जा रहा है। इस दौरान पार्टी की सारी शीर्ष गतिविधियां तेजस्वी यादव के निर्देश पर ही निर्धारित और संपन्न हो रही हैं। लालू प्रसाद का परोक्ष समर्थन रहता है, लेकिन फ्रंट पर तेजस्वी का निर्देश ही चलता है। विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के कारण तेजस्वी की पार्टी में स्वीकार्यता भी बढ़ी है, जो लोग पहले लालू की अनुपस्थिति में राबड़ी देवी को विकल्प के रूप में देखते थे, वे भी अब तेजस्वी के नेतृत्व के कायल हो चुके हैं। ऐसे में साफ है कि राजद तेजस्वी के रूप में अपने नए नेता के चुनाव की ओर बढ़ रहा है।
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव में कामयाबी के बाद राजद दूसरे राज्यों में भी पांव पसारने की कोशिश में है। इसके लिए क्रियाशील नेतृत्व की दरकार है। किंतु लालू प्रसाद की सेहत इसकी इजाजत नहीं दे रही है। राजद के अभी 26 राज्यों में संगठन है, परंतु बिहार के बाहर सक्रियता न के बराबर है, जबकि पहले झारखंड समेत दूसरे कई राज्यों में भी राजद को चुनावी राजनीति में कामयाबी मिलती रही है। बाद के वर्षों में लालू की उम्र के साथ राजद कमजोर पड़ता गया। अब राष्ट्रीय स्तर पर राजद को फिर से खड़ा करने के लिए तेजस्वी से उम्मीद की जा रही है।
हालांकि लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की नाराजगी इस बात को लेकर अक्सर दिखती है कि उन्हें जितना त्वोजह पार्टी में मिलना चाहिए उतना नहीं मिलता है। पिछली बार की बिहार विधानसभा चुनाव में भी प्रचार के लिए उन्हें स्टार प्रचारक के तौर पर नहीं देखा गया । तेजस्वी अकेले ही सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार करते नजर आए। वहीं पार्टी के स्थापना दिवस पर भी उनकी नाराजगी साफ़ दिखाई पड़ी थी।