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विशेष रिपोर्ट: आखिर कब रूकेगा औरंगाबाद में जमीनी विवाद में गोली मारने का सिलसिला, फिर एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या
जे.पी.चन्द्रा की विशेष रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में अगर सबसे अधिक हत्या के मामले आते हैं तो वे जमीन से जुड़े मामले होते हैं । यह विवाद या तो भाईयों के बीच बंटवारे से जुड़ा होता है या फिर जमीन खरीद फरोख्त से या फिर गांव -घर से। वहीं इस विवाद के समय रहते न सुलझने के कारण विवाद बढ़कर यह हिंसक घटना का रूप ले लेता है। पिछले कई दिनों से इस तरह की खबरें आ रही हैं ।
औरंगाबाद: जमीनी विवाद में चाचा ने भाई और भतीजा को मारकर किया घायल, सदर अस्पताल में भर्ती
कुछ इसी तरह का मामला इन दिनों औरंगाबाद जिले में घट रही है। यहाँ से लगातार जमीनी विवाद में मारपीट और हिंसक वारदात की खबरें आ रही हैं। ताजा मामला एक बार फिर से जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुंशी बीघा गांव से जुड़ा है। जहाँ जमीनी विवाद में रामेश्वर शर्मा के 26 वर्षीय पुत्र सुदर्शन शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना सोमवार सुबह की है।
औरंगाबाद: जमीनी विवाद में चाचा को भतीजे ने गोली मारकर किया घायल, हालत गंभीर
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुदर्शन शर्मा का गांव के ही कुछ लोगों के साथ जमीनी विवाद वर्षों से चल रहा था। मामला कोर्ट में लंबित है। लेकिन जब सोमवार को सुदर्शन शर्मा धान की रोपणी के लिए खेत पहुंचे तो गांव के कुछ लोगों ने उनपर हथियार से हमला कर दिया ।
हालांकि सुदर्शन शर्मा की तरफ से बचाव का जबतक प्रयास होता तबतक अपराधियों द्वारा घटना को अंजाम दिया जा चुका था। वहीं परिजनों द्वारा सुदर्शन शर्मा को खून से लथपथ घायल अवस्था में सदर अस्पताल औरंगाबाद लाया गया। लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लेकर सवाल यह उठता है कि आखिर इस तरह की घटनाएं क्यों होती हैं ? क्या इन घटनाओं पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया जा सकता है? क्या देश में न्याय की प्रक्रिया धीमी होने से लोग अपनी हाथ में कानून लेने लगते हैं ? क्या राज्य सरकार द्वारा इस तरह के मामले रोकने के लिए थाने में प्रत्येक शनिवार को लगाया जानेवाला जनता दरबार कारगर साबित नहीं हो रहा है ? क्या केवल थानों में जनता दरबार के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है ? ये चंद सवाल हैं जो लोगों के जेहन में हमेशा उठते हैं । सरकार अगर इन सवालों का जवाब ढूंढने का प्रयास करे तो ये जमीनी विवाद की हत्याओं पर अंकुश लग सकता है।