BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
विशेष रिपोर्ट: मदनपुर थाना क्षेत्र में तरी और लंगुराही में बने कैंप ने सुरक्षाबलों की स्थिति की काफी मजबूत, नक्सलियों के मजबूत ठिकाना चकरबंधा से उखड़े पांव
जे.पी.चन्द्रा की विशेष रिपोर्ट
बिहार नेशन: अब गया -औरंगाबाद और पलामू से लगा चकरबंधा से धीरे-धीरे नक्सलियों के पांव उखड़ने लगे हैं । उनके लिए अब यह क्षेत्र सुरक्षित नहीं रहा । सुरक्षा बलों की कारवाई से अब नक्सलियों का अभेद्य किला टूट गया है। एक समय था जब यह छकरबंधा क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। और बड़े नक्सली कमांडर भी अपने आप को यहाँ सबसे सुरक्षित ठिकाना मानते थें। लेकिन अब समय बदल चुका है। इस पूरे क्षेत्र को सुरक्षाबलो ने अपने कब्जे में ले लिया है।
हालांकि चकरबंधा तक पहुंचना अर्द्धसैनिक बलों या पुलिस के लिए कभी भी आसान नहीं रहा। जंगल और पहाड़ वाला यह इलाका 35 किलोमीटर लम्बा और 15-16 किलोमीटर चौड़ा है। घने जंगल और ऊंचाई का फायदा उठाकर नक्सली यहां वर्षों तक काबिज रहे। धीरे-धीरे ही सही, पर नक्सलियों के पांव यहां से भी उखड़ गए हैं। पहले की तरह नक्सलियों के लिए चकरबंधा सुरक्षित ठिकाना नहीं रहा। यहां तक की अब इस इलाके में उनकी उपस्थिति भी न के बरारब रह गई है। हाल में ही चकरबंधा के पहाड़ी इलाके में सीआरपीएफ के दो नए कैंप खोले गए हैं।
औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र में तरी और लंगुराही में बने कैंप ने सुरक्षाबलों की स्थिति काफी मजबूत कर दी है। तरी का कैंप लंगुराही से 3 किलोमीटर नीचे की तरफ है। इन दो नए कैंप के खुलने के पहले यहां से 10 किलोमीटर की दूरी पर विश्रामपुर कैंप से इलाके को नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता था। तरी और लंगुराही में सीआरपीएफ की मौजूदगी के बाद हालात और भी तेजी से बदले हैं।
चकरबंधा का इलाका नक्सली कमांडर संदीप यादव संभालता रहा था। 90 के दशक से यहां नक्सलियों का प्रभाव रहा था। बताया जाता है कि चकरबंधा की मजबूत स्थिति के चलते ही संदीप आज तक सुरक्षाबलों से बचा रहा। संदीप पर बिहार में 5 और झारखंड में 20 लाख तक का इनाम घोषित है।
गौरतलब हो कि औरंगाबाद जिला और उससे लगा क्षेत्र हमेशा से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र रहा है। साथ ही इस जिले के विभिन्न क्षेत्रो में हमेशा नक्सली छिटपुट घटनाओं को समय-समय पर अंजाम देते रहते हैं । ताकि लोगों में नक्सलियों के नाम से भय वयाप्त रहे । हाल ही में नक्सलियों और सुरक्षाबलों की बीच दर्जनों राउंड गोलियां भी चली थी।