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बिहार दिवस पर विशेष: कैसा है बिहार का इतिहास, जानिए विस्तार से सबकुछ !

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: आज 22 अप्रैल है और पूरे प्रदेश में धूमधाम से बिहार दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सरकार के तरफ से भी कई कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। वैसे तो बिहार का इतिहास बहुत पुराना है लेकिन 1912 में बंगाल के विभाजन की वजह से बिहार एक राज्य के रूप में अस्तित्व में आ गया। 1935 में उड़ीसा इससे अलग किया गया था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार के चंपारण के विद्रोह को, अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत फैलाने में महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक गिना जा रहा है।

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स्वतंत्रता के उपरांत बिहार का एक और विभाजन हुआ और सन 2000 में झारखंड राज्य इससे अलग कर दिया गया था। भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार की गहन भूमिका सामने आई थी।

बिहार दिवस इतिहास:

1912 में अंग्रेजो ने बंगाल प्रांत से अलग करके बिहार को एक नई पहचान भी दी और 2023 में बिहार अपने गठन के 111 वर्षों को पूरा कर रहा है। बिहार दिवस हर वर्ष बिहार राज्य के गठन के प्रतीक के तौर पर 22 मार्च को सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन अंग्रेजों ने 1912 में बंगाल से राज्य का निर्माण किया था। बिहार दिवस पर हर वर्ष बिहार में सार्वजनिक अवकाश यानी पब्लिक हॉलिडे होता है।

बिहार दिवस की शुरुआत बिहार सरकार द्वारा नीतीश कुमार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर हुई थी। इतना ही नहीं बिहार दिवस भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, त्रिनिदाद और टोबैगो और मॉरीशस जैसे देशों में भी बड़े पैमाने पर सेलिब्रेट किया जाता है।

हर वर्ष बिहार सरकार एक नोटिफिकेशन जारी करती है इसमें 22 मार्च को बिहार दिवस के रूप में मनाने के लिए पब्लिक हॉलिडे का एलान कर दिया जाता है। यह हॉलिडे राज्य और केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी कार्यालयों और कंपनियों पर लागू होता है और साथ ही स्कूलों में स्टूडेंट्स द्वारा भाग लेने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके भी इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। वहीं आज इस उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में प्रशासन द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ।

एक बात और, राज्य का नामकरण बिहार पड़ने के पीछे भी बहुत बड़ी वजह है। दरअसल बिहार का नाम बौद्ध विहारो के विहार शब्द से हुआ है। इस राज्य का नाम पहले विहार था और फिर आगे चलकर बिहार हो गया। इस बिहार का शुरू से ही गौरवशाली इतिहास रहा है। हिंदू पुराणों और ग्रंथों के अनुसार माता सीता का जन्म स्थल बिहार के सीतामढ़ी में और बिहार से ही बुद्ध और जैन धर्म की उत्पत्ति हुई थी। इतना ही नहीं देश के लोकतंत्र की जननी वैशाली बिहार का ही है साथ ही साथ दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय नालंदा यूनिवर्सिटी बिहार में स्थित है।

बिहार दिवस

शून्य की खोज करने वाले आर्यभट्ट इसी बिहार से थे और आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बिहार सही बने थे। बिहार शुरू से ही देश की चाहे राजनीति हो या फिर धार्मिक आस्था सबों में अव्वल रहा है। इस बिहार दिवस को प्रशासनिक स्तर से मनाने का सारा श्रैय बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जाता है। बिहार के प्रमुख जिले नालंदा, पटना, गया, वैशाली,सीतामढ़ी, सारण, सिवान और मोतिहारी जिले से कई इतिहास जुड़े हुए हैं।

वहीं आज से बिहार दिवस को लेकर तीन दिनों तक बिहार में कई कार्यक्रम के आयोजन होना है। इसको लेकर सरकारी स्तर से घोषणा की गई है । बिहार के गवर्नर के साथ साथ राज्य के सीएम नीतीश कुमार,डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा,सूचना एवम जनसंपर्क मंत्री संजय झा सहित पक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं ने अपने अपने तरफ से प्रदेश वासियों को बिहार दिवस की शुभकामनाएं दी है।

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