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राहत: इस बार कोरोना की पहली लहर की तुलना में 900 प्रतिशत तो दूसरी लहर की तुलना में करीब 600 फीसदी कम हैं मौत का आंकड़ा
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: भले ही इस बार कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है और इसके संक्रमण की गति पहले की दो कोरोना लहर से तेज है । लेकिन अगर हम इससे होनेवाली मौतों के आंकड़ों को देखें तो दूसरी लहर की तुलना में करीब 600 फीसदी कम है। जबकि कोरोना की पहली लहर की तुलना में यह कमी करीब 900 फीसदी की है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में मौतों में मामूली इजाफा हो सकता है। इस बार इस कोरोना के नये वैरिएंट को ओमीक्रोन नाम दिया गया है।
देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 159632 नए संक्रमण तथा मौतें 327 दर्ज की गई हैं। इनमें 242 मौतें केरल की ऐसी हैं, जो पूर्व की हैं। जबकि केरल में पिछले 24 घंटों में कुल 33 मौतें हुई हैं। इस प्रकार ताजा मौतें महज 118 हैं। जबकि पिछले साल जब कोरोना की दूसरी लहर बढ़ रही थी तो 11 अप्रैल 2021 को देश में कोरोना के 152879 नए संक्रमण दर्ज किए गए थे। उस दिन 839 मौतें दर्ज की गई थी। यह पिछले 24 घंटों में हुई मौतों से 721 यानी करीब 600 फीसदी ज्यादा है।
पहली लहर में हालांकि एक दिन में अधिकतम संक्रमण एक लाख से नीचे ही रहे थे, लेकिन मौतों का आंकड़ा ऊंचा रहा था। 12 सितंबर 2020 को कुल 97570 नये संक्रमण दर्ज किए गए थे। तब 1201 मौतें हुई थीं। जो पिछले 24 घंटों में हुई मौतों से करीब 900 फीसदी ज्यादा हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ओमीक्रोन कम घातक है, यह फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है। इसलिए अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है, जिस कारण मौतें भी कम हैं। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिकटी विभाग के प्रोफेसर जुगल किशोर ने कहा कि ओमीक्रोन संक्रमित पांच-सात दिनों के भीतर ठीक हो रहे हैं तथा तीसरी लहर को दस दिन से अधिक समय हो चुका है। पिछली लहरों से तुलना करें तो मरीजों की मौतें नौ-दस दिनों के बाद हो रही थीं। इसलिए यह आशंका है कि आने वाले दिनों में मौतों में हल्का इजाफा हो सकता है। लेकिन, यह दूसरी लहर की तुलना में बेहद कम होंगी।
हालांकि इस कोरोना के नये वैरिएंट से मरीजों की मौत में हल्का इजाफा हो सकता है। क्योंकि पिछली बार दस दिनों के बाद ही लोगों की मौत हुई थी। लेकिन इतना जरूर है कि ओंमिक्रोन पहले की तुलना में कम जानलेवा है।