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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: अब कई देशों के जेलों के तर्ज पर भारत में भी कैदियों को एकांत में अपने परिवार से मिलने का मौका मिलेगा। यानी पति-पत्नी अगर एकांत में जेल में मिलना चाहते हैं तो उन्हें यह सुविधा मिलेगी । इसकी शुरूआत अभी पंजाब राज्य ने की है। इस सुविधा की चर्चा चारों तरफ हो रही है। यहाँ तक की उनके लिए एक कमरा बनाया जाएगा। जिसमें वे शारीरिक संबंध भी बना सकेंगे। दरअसल आपको यह खबर आश्चर्यचकित करने वाली लग रही होगी। लेकिन यह सच्चाई है। आपने इसकी कल्पना भी कभी नहीं की होगी। लेकिन यह सुविधा पंजाब सरकार दे रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुरजीत सिंह (गोइंदवाल जेल में बंद कैदी) ये सुविधा उठानेवाला सबसे पहला कैदी है। उसने बताया कि जेल में कैदी अकेलापन महसूस करता है और अवसाद में रहता है, लेकिन पिछले दिनों जब मेरी पत्नी मुझसे मिलने आई तो हमने एक कमरे में एकांत के कुछ घंटे बिताए। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए बड़ी राहत की बात थी.”
गुरजीत सिंह हत्या के मामले में सजा काट रहा है। इस नई सुविधा के लिए वह पंजाब सरकार का शुक्रिया अदा कर रहा है। यहां आपको यह भी बता दें कि पंजाब अब जेल के अंदर एकांत में पति-पत्नी को मिलने की सुविधा देने वाला पहला राज्य बन गया है। पंजाब की इस जेल में मिलने वाली सुविधा की हर तरफ खूब चर्चा हो रही है। खास बात यह भी है कि पति-पत्नी इस मुलाकात के दौरान शारीरिक संबंध भी बना सकते हैं।
पंजाब में पहले कैदियों को किसी भी मिलने आने वाले वाले से शारीरिक संपर्क की इजाजत नहीं थी। जो भी मिलने आता था वे एक निश्चित दूरी पर खड़े होकर बात कर सकते थे। इस दौरान उनके बीच एक शीशे की दीवार भी होती थी। गुरजीत सिंह ने कहा कि अब सरकार शादीशुदा जोड़ों को जेल में प्राइवेट मुलाकात की इजाजत दे रही है, जिसका हमें लाभ लेना चाहिए।
इस नई सुविधा के बारे में पंजाब के विशेष महानिदेशक हरप्रीत सिद्धू ने मीडिया से कहा कि जो पति या पत्नी जेल में बंद नहीं हैं उनको सजा देने का कोई मतलब नहीं है। हम यही चाहते हैं कि समाज में इन कैदियों की वापसी सुनिश्चित हो। यही कारण है कि हमे पंजाब की जेलों में एकांत में मिलने देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह का पहला पायलट प्रोजेक्ट है और अभी यह सुविधा राज्य की 25 में से 17 जेलों में उपलब्ध है।
हरप्रीत सिद्धू ने बताया कि ऐसी सुविधा कई देशों की जेलों में है और हमने भी यह महसूस किया कि अदालतों के कई ऐसे आदेश भी हैं, जो इस तरह के कदम का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, “जोड़ों का मिलन या उनके बीच यौन संबंध एक जरूरत है। संबंधित अधिकारियों ने इस सुविधा का फायदा उठाने वाले आवेदनों की जानकारी दी।आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि सिर्फ पहले ही हफ्ते में कैदियों की ओर से अपने पति या पत्नी से मिलने की अनुमति के लिए 385 आवेदन मिले।
गौरतलब हो कि इस तरह की सुविधा विदेश के कई देशों में पहले से दी जा रही है। जिसमें जिनमें अमेरिका, फिलीपींस, कनाडा, सऊदी अरब, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, फ़्रांस समेत कई देश शामिल हैं। लेकिन एक बात यहाँ गौरतलब है कि यह सुविधा किसी खतरनाक और गैंगस्टर को नहीं मिलेगा। या फिर जो हाई रिस्क कैदी या आतंकवादी, बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार करने वालों, यौन अपराधी और घरेलू हिंसा के अभियुक्तों को भी ये सुविधा नहीं मिलेगी। साथ ही ऐसे कैदी जिन्हें टीबी, एचआईवी, यौन संक्रमित रोग हों, उन्हें भी ये अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे मामलों में जेल के डॉक्टर से क्लीयरेंस लेनी होगी।