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धनतेरस पर आमस, मदनपुर, रफीगंज, शिवगंज, खिरियावां में सोना-चांदी और बाइक के बाद खूब हो रही है झाड़ू की बिक्री, जानें क्या है महत्व?

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: दीपावली पर्व के पहले आज और कल धनतेरस है। इस दिन लोगों की मान्यता है कि खरीदारी करने से धन में 13 गुणा की वृद्धि होती है। बहुत से लोग इस दिन धातुओं की खरीदारी करते हैं। वहीं धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का भी काफी महत्व है। यह सदियों से परंपरा के रूप में चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से घर की दरिद्रता दूर होती है। धनतेरस को लेकर बाजार में झाड़ू की भी कई दुकानें अलग से लगाई जाती हैं।

दीवाली पूजा ऑफर

बिहार के सभी शहरों या बाजारों में धनतेरस के दिन झाड़ू की बिक्री कुछ ज्यादा होती दिख रही है। सड़क के किनारे लगी झाड़ू के छोटी-छोटी दुकाने से लेकर बड़े माॅल तक में झाड़ू की बिक्री होती नजर आई। साथ ही झाड़ू की खरीदारी के लिए महिलाओं की खासी भीड़ उमड़ती दिखाई दी। दरअसल, मान्यता है कि दरिद्रता दूर करनी है तो धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदनी चाहिए। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा काफी पुरानी है और इसका जिक्र पुराणों में भी मिलता है। लोगों का कहना है कि झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है।

दीवाली

आमस, मदनपुर, रफीगंज, खिरियवा, औरंगाबाद में धनतेरस पर सोना-चांदी के बाद खूब हो रही है झाड़ू की बिक्री

धनतेरस को लेकर एक ओर जहां सराफा बाजार में गर्माहट आ गई है। वहीं सोने-चांदी के आभूषण की बाजारों में भीड़ लगी है। इसके साथ बाजार में धनतेरस पर झाड़ू की दुकान में भी काफी भीड़ देखने को मिली। आज बाजार में जिसे देखिए हर आदमी के हाथों में झाड़ू दिखेगा। चाहे वह गरीब हो या अमीर हर आदमी आज के दिन झाड़ू खरीदता है। ऐसी मान्यता है कि अगर घर से दरिद्रता भगानी है तो उन्हें धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना ही चाहिए। यह पुरानी परंपरा सदियों काल से चली आ रही है और कहा जाता है कि झाड़ू में मां लक्ष्मी का वास होता है जो साफ सफाई की प्रतीक ही नहीं बल्कि घर में सुख शांति समृद्धि भी लाती हैं।

सौंडिक इंटरप्राइजेज, मदनपुर

“झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास होता है। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की पुरानी परंपरा है। इसी से दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा शुरू की जाती है इसका अपना एक अलग महत्व है” – जागृति पाठक , पाठक बिगहा,मदनपुर

झाड़ू के बिना लक्ष्मी पूजा पूर्ण नहीं हो सकती

रिवाज के अनुसार लोग धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदते हैं और दीपावली की सुबह इसकी पूजा कर घर की साफ सफाई करते हुए घर की दरिद्रता को बाहर फेंकते हैं। सनातन धर्म में धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना बहुत ही धार्मिक महत्व रखता है। झाड़ू के बिना लक्ष्मी पूजा पूरी नहीं मानी जा सकती है। मां लक्ष्मी का आगमन झाड़ू की सफाई से ही होता है। इसलिए धनतेरस के दिन हर किसी को कम से कम एक झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए।

धनतेरस पर धातु की खरीदारी

झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास

धनतेरस के दिन बाजार में झाड़ू खरीदने आई महिलाओं ने कहा कि झाड़ू में लक्ष्मी का वास होता है। मां लक्ष्मी इस दिन झाड़ू खरीदने से प्रसन्न होती हैं। क्योंकि साफ सफाई से ही स्वच्छता और समृद्धि आती है। बाजार में धनतेरस की खरीदारी करने आई महिला ने बताया कि आज के दिन झाड़ू खरीदने से घर की दरिद्रता दूर होती है इसलिए आज झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए। वहीं बारून की उर्मिला देवी ने कहा कि झाड़ू में लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए आज झाड़ू खरीदी जाती है। वहीं एक और महिला रफीगंज की रिंकू देवी ने कहा कि सबको आज झाड़ू खरीदना चाहिए।धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने का अपना एक अलग महत्व होता है।

“झाड़ू के बिना लक्ष्मी पूजा पूरी नहीं मानी जा सकती है मां लक्ष्मी का आगमन झाड़ू की सफाई से ही होता है। इसलिए धनतेरस के दिन हर किसी को कम से कम एक झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए। इसी झाड़ू से दिवाली के दिन सुबह-सुबह दरिद्रता को घर से बाहर निकाला जाता है और फिर माता लक्ष्मी का आमगन होता है”- कर्मकांड मुकेश पाठक, पाठक बिगहा , मदनपुर

 

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