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के. के पाठक सख्त: आज 75 हजार स्कूलों में अधिकारियों का निरीक्षण, नहीं रहने पर होंगे सस्पेंड, छुट्टियां रद्द
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में शिक्षक और सरकार के बीच मामला गरम है। एक तरफ जहाँ शिक्षा विभाग कई नियम शिक्षकों के लिए और पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार के लिए ला रहा है तो वहीं इसे शिक्षक सरकार की तुगलकी फरमान बताकर विरोध में सड़कों पर उत्तरे हुए हैं । लेकिन अब खबर आ रही है की बिहार में शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों के टीचर्स पर सख्ती बढ़ा दी है।
सूबे के 75 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों का आज एकसाथ निरीक्षण होगा। इसके लिए सभी टीचर्स और शिक्षा पदाधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
शिक्षा विभाग ने निरीक्षण के लिए टीमें भी गठित कर दी है। निरीक्षण करने वाली टीम में शिक्षा विभाग के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल होंगे। जो भी टीचर्स 13 जुलाई को अपने स्कूल में उपस्थित नहीं होंगे, उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया जाएगा। शिक्षकों की सौ फीसदी उपस्थिति रखने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा 11 जुलाई को पटना में हुए धरना-प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों की CCTV फुटेज सहित अन्य माध्यमों से पहचान की जा रही है।
इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने ये भी आदेश निकाला है कि अगले एक हफ्ते तक सभी प्रकार के अवकाश स्थगित रहेंगे। किसी भी आकस्मिक स्थिति में अवकाश के लिए अपर मुख्य सचिव से इजाजत लेनी होगी। इस आशय का पत्र सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और कार्यक्रम पदाधिकारियों को विभाग के प्रशासन निदेशक सुबोध कुमार चौधरी ने जारी किए हैं। इधर, अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी DEO से 11 तारीख़ को गैरहाजिर रहने वाले शिक्षकों की भी जानकारी मांगी है।
वहीं, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने CM नीतीश से पटना में प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को तत्काल वापस करने की अपील की है। संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने चेतावनी दी है कि सूबे के 4 लाख से अधिक शिक्षकों को धमकाने की कार्रवाई स्थगित नहीं होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है और बड़ा आंदोलन शुरू होगा।
आपको बता दें की 13 जुलाई को सभी जिले के सभी विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति देखने के लिए जिले के जिला स्तरीय पदाधिकारी, अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी और अन्य पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।