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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में शराब बंदी को और अधिक सख्त बनाने के लिए मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग नया प्रावधान लाने जा रही है। इस प्रावधान के तहत अब शराब पीकर पकड़े जाने पर जेल की सजा नहीं होगी। लेकिन इसके लिए उन्हें एक काम करना होगा । काम यह करना होगा कि शराब पीकर पकड़े जाने पर दारू बेचने वाले का नाम और ठिकाना सही-सही बताना होगा। इसकी जानकारी मद्य निषेध विभाग के उपायुक्त कृष्ण कुमार ने दी।
उन्होंने कहा कि शराब विक्रेताओं की निशानदेही करने वाले व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी मद्य निषेध विभाग की होगी। उन्होंने बताया कि अभी तक करीब साढ़े तीन से चार लाख व्यक्तियों को शराब पीने के आरोप में जेल भेजा गया है। शराबी को यह भी बताना होगा कि उसने शराब कहां और किससे खरीदी है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद राज्य सरकार बिना अधिक सख्ती के शराबबंदी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नियम-कायदों में बदलाव कर रही है। शराब लाने के ठिकाने की निशानदेही पर विभाग की ओर से वहां छापेमारी की जाएगी। छापेमारी में शराब विक्रेता के पकड़े जाने पर पूछताछ के दौरान यदि वह बता देता है कि उसने शराब कहां से ली थी तो उस ठिकाने पर भी छापेमारी होगी। अगर उस छापेमारी में शराब बेचने वाला पकड़ा जाता है तो शराब पीकर गिरफ्तार हुए व्यक्ति को हर तरह की कार्रवाई से छूट मिल जाएगी
गौरतलब हो कि बिहार में शराब बंदी वर्ष 2016 से ही लागू है। लेकिन इसके बावजूद भी शराब माफिया और पीने वालों का गठजोड़ कायम है। हालांकि नीतीश सरकार की विपक्ष एवं सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं के द्वारा इसके समीक्षा की मांग की जा रही है। इन सभी का कहना है कि बिहार में शराब बंदी केवल नाम का लागू है। जबकि यह सभी जगह मिल रहा है।