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अब बिहार की तर्ज पर चला राजस्थान, गहलोत सरकार भी करायेगी जातिगत सर्वे, आदेश जारी

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: अब बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी जाति आधारित सर्वे कराई जाएगी। वहाँ की गहलोत सरकार ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया है। बता दें कि यह निर्णय राजस्थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लिया गया है। इसमें सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी। वहीं कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार जाति आधारित सर्वे कराएगी। कांग्रेस ‘जिसकी जितनी भागीदारी-उसकी उतनी हिस्सेदारी’ के अपने संकल्प पर काम कर रही है।

यह है राजस्थान सरकार की तरफ से जारी आदेश की मुख्य बातें

1. राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण करायेगी.

2. राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण द्वारा राज्य के समस्त नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर के संबंध में अद्यतन जानकारी एवं आकंड़े एकत्रित किये जायेंगे. ये आयोजना (आर्थिक एवं सांख्यिकी) विभाग द्वारा सम्पादित किया जायेगा. इसके लिये आयोजना (आर्थिक एवं सांख्यिकी) विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा.

3. जिला स्तर पर जिला कलेक्टर नोडल अधिकारी होंगे एवं इसके सम्पूर्ण प्रभारी होंगे.

4. जिला कलेक्टर नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम, ग्राम एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों के अधिनस्थ कार्य करने वाले कर्मियों की सेवायें इस कार्य हेतु ले सकेंगें.

5. सर्वेक्षण कार्य हेतु नोडल विभाग द्वारा प्रश्नावली तैयार की जाएगी तथा उस प्रश्नावली में उन समस्त विषयों का उल्लेख किया जाएगा जिनके सम्बन्ध में जानकारी संकलित की जानी है प्रश्नावली में ऐसे समस्त बिन्दुओं को सावधानीपूर्वक शामिल किया जाना होगा ताकि प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके.

6. सर्वेक्षण से प्राप्त सूचनाओं एवं आंकड़ों को ऑन-लाईन फीड करना होगा, जिसके लिए सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा पृथक से विशेष सॉफ्टवेयर एवं मोबाईल एप्प बनाया जायेगा सर्वेक्षण से प्राप्त संकलित की गयी समस्त सूचनाएं उक्त विभाग द्वारा सुरक्षितरखी जायेंगी.

7. सर्वेक्षण के कार्य में होने वाले व्यय का प्रावधान वित्त विभाग के आई.डी. क्रमांक 162302173 दिनांक 07.10.2023 के अनुसार किया गया है.

सीएम ने कहा कि आचार संहिता से पहले जातिगत सर्वे का निर्णय कर दिया गया है। अब आचार संहिता लागू होती है तो भी इस में कोई दिक्कत नहीं आएगी। सुप्रीम कोर्ट तक में बहस हो चुकी है। बिहार सरकार के पक्ष में फै सला आ चुका है। बिहार सरकार ने किया है, वही मॉडल हम राजस्थान में अपना रहे हैं।

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