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अब राजद में तेजस्वी को छोड़कर मुख्य राजनीतिक मुद्दों पर दूसरे कोई नेता नहीं देंगे पर बयान

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार की राजनीति थोड़ा सभी राज्यों से हटकर रही है। यहाँ कि राजनीति कब किस तरफ करवट ले ले कोई नहीं जानता है। हाल के दिनों में भी कुछ इसी तरह देखने को मिला है। राजनीतिक बयान तो ऐसे दिये जाते हैं जिससे उनके वरिष्ठ नेता भी असहज हो जाते हैं। अब एक बार फिर बिहार में इन दिनों राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिल रही है।

दुर्गापूजा

लेकिन इस बार यह बयानबाजी राज्य में सीएम पद की कुर्सी को लेकर है। आप जानते हैं कि बिहार में जदयू और महा गठबंधन की सरकार है। लेकिन इन दिनों महा गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद और जदयू के नेताओं के बीच बयानों पर राजनीतिक घमासान मचा है।

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दरअसल बिहार की राजनीति 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद से कभी शांत हुई ही नहीं। इसकी प्रमुख वजह सरकार में शामिल दलों के बीच अंतर्विरोध रहना है। कभी जदयू और भाजपा की सरकार में यह समस्‍या सरकार के शपथ ग्रहण के ठीक बाद से रही, तो जदयू और राजद की सरकार में भी यह परिपाटी पूरी तरह खत्‍म नहीं हुई है।

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यहाँ बिहार के मुख्‍यमंत्री के मसले पर जनता दल यूनाइटेड और राष्‍ट्रीय जनता दल का स्‍टैंड थोड़ा अलग है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चाहते हैं कि उनके पुत्र तेजस्‍वी यादव को बिहार की गद्दी मिले। इसके लिए वे नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन करने को तैयार हैं। राजद के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता भी यही चाहते हैं।

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वहीं दूसरी तरफ जदयू के नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार मुख्‍यमंत्री बने रहेंगे। वे प्रधानमंत्री पद के लिए उम्‍मीदवार नहीं हैं, बल्‍क‍ि उनका मकसद विपक्ष को एकजुट करना है। भाजपा के साथ गठबंधन के वक्‍त भी जदयू के कई बड़ नेता यह कहते रहे कि उनका गठबंधन केवल तब तक है, जब तक सहयोगी दल नीतीश कुमार को सीएम बनाए रखने पर सहमत है।

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आपको बता दें कि इस बात पर चर्चा पिछले दिनों उस समय तेज हो गई जब राजद के प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि तेजस्‍वी यादव जल्‍दी ही बिहार के मुख्‍यमंत्री बनेंगे। नीतीश कुमार उन्‍हें कुर्सी सौंपकर दिल्‍ली की राजनीति करेंगे।

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इस बयान के बाद जदयू असहज हो गई । मामला जब अधिक गरम हो गया तो तेजस्‍वी यादव को खुद कमान संभालनी पड़ी। उन्‍होंने इसे राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं की भावना बताते हुए ऐसे बयान देने से परहेज करने को कहा।

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वहीं अब तेजस्‍वी यादव के बयानों का असर दिखने लगा है। अब राजद में गठबंधन, नेतृत्व और इससे जुड़े फैसले पर केवल उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही बयान देंगे। पार्टी ने उन्हें इस बात के लिए अधिकृत किया है। राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस आशय की एक सूचना भी जारी की है। पार्टी नेताओं को यह हिदायत दी गयी है कि इस संबंध में किसी भी तरह का बयान देने से परहेज करें।

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जबकि जगदानंद सिंह द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी सांसद, विधायक, पदाधिकारी व नेताओं से वह आग्रह करते हैं कि गठबंधन तथा सरकार से जुड़े सवालों पर बयान या फिर किसी तरह की टिप्पणी से परहेज करें।

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आपको बता दें कि राजद विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ था कि गठबंधन व नेतृत्व से जुड़े मसले पर केवल तेजस्वी ही बयान देंगे। इसलिए अनावश्यक बयानबाजी से बचा जाए। लेकिन यह बयानों का दौर इतनी जल्दी नहीं थमने वाला है। यह चलता रहेगा।

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