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एक करोड़ का इनामी कुख्यात शीर्ष नक्सली नेता प्रमोद मिश्रा गिरफ्तार, कई राज्यों में हैं मामले दर्ज, नक्सली अनिल यादव भी अरेस्ट
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: मोस्ट वांटेड एवं शीर्ष नक्सली नेता प्रमोद मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रमोद मिश्रा के साथ एक अन्य नक्सली अनिल यादव को भी गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र से की गई है। उसपर झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश में नक्सली वारदातों के दर्जनों मामले दर्ज हैं।और पुलिस ने उसके उपर एक करोड़ का इनाम रखा था। यह गिरफ्तारी बिहार एसटीएफ, गया पुलिस एवं सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने की है।
वहीं इनकी गिरफ्तारी के बाद सीआरपीएफ की कोबरा टीम प्रमोद मिश्रा से पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार किया गया नक्सली प्रमोद मिश्रा उर्फ लव कुश पर गया में एक ही परिवार के चार लोगों को पुलिस की मुखबिरी के आरोप में फांसी पर लटका देने का आरोप है। वह भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य भी है। और पिछले दिनों झारखंड के सारंडा जंगल से फरार हो गया था।
बता दें कि 14 नवंबर 2021 को डुमरिया के मोनबार जंगल से सटे इलाके में रहने वाले सरयू सिंह भोक्ता के घर उसने हमला किया था और सरयू सिंह भोक्ता के दोनों बेटे सतेंद्र और महेंद्र और उनकी पत्नी मनोरमा देवी और सुनीता की हत्या कर दी थी। इसके बाद चारों शव को फंदे पर लटका दिया था। फिर बम से घर भी उड़ा दिया था। वारदात के बाद नक्सलियों ने घर के बाहर एक पर्चा भी चिपकाया था। इसमें बदला लेने के लिए इस परिवार के सदस्यों की हत्या की बात कही गई थी। इस हत्या में कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा और उसके साथी आरोपी हैं।
यह भी बता दें कि नक्सली समूह माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया में मिश्रा को पार्टी के अंदर सोहन दा, शुक्ला जी, कन्हैया, जगन भरत, नूर बाबा, बीवी जी, अग्नि, और बाण बिहार के नाम से जाना जाता है। उसे वर्ष 2007 में पार्टी की 9वीं कांग्रेस में पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाया गया था। इतना ही नहीं, वह दिल्ली संचालन का प्रभारी भी था। उसने हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों में आंदोलन फैलाने में काफी मदद की थी।
प्रमोद मिश्रा की गिनती माओवादियों के संगठन में देश के स्तर पर मास्टरमाइंड और प्रमुख रणनीतिकार के रूप में होती है। वह वर्षों तक जेल में रहा और 2017 में सबूत के अभाव में छूटने के बाद भूमिगत हो गया।
प्रमोद मिश्रा का नाम वर्ष 2006 में यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट की कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म में भी सामने आया था। वह मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना अंत र्गत कसमा गांव का रहने वाला है
इधर, गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि विगत दिनों से ऐसी सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा एवं अनिल यादव टिकारी अनुमंडल के विभिन्न थाना क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।