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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: अब 2000 रुपये के नोट नहीं उपयोग में रहेंगे। या इसे यूँ भी आप आसान भाषा में कह सकते हैं कि अब इस नोट को तत्काल प्रभाव से आरबीआई ने बंद करने की घोषणा शुक्रवार को कर दी है। लेकिन इस बार की नोट बंदी थोड़ा पिछली बार की नोट बंदी से अलग है। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें। आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है।
हालांकि 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। जानकारी के मुताबिक, क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई ने यह फैसला लिया है। आरबीआई ने कहा है कि यह नोट 30 सितंबर तक कानूनी रूप से वैध रहेंगे। आरबीआई ने नवंबर 2016 में आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24(1) के तहत ये नोट निकाले थे।
रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद इन नोटों को जारी किया था। यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि उस समय 500 और 1000 रुपये के जो नोट चलन से हटाए गए थे, उनका बाजार और अर्थव्यवस्था पर असर कम किया जा सके। जब दूसरे मूल्य के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए, तब दो हजार रुपये को चलन में लाने का उद्देश्य पूरा हो गया।
आरबीआई ने कहा कि 2000 रुपये के बैंक नोटों को लाने के उद्देश्य के एक बार पूरा हो जाने के बाद 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। उस समय तक अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए थे। आरबीआई ने यह भी बताया है कि मार्च 2017 से पहले 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में से लगभग 89 प्रतिशत जारी किए गए थे।
लोग दो हजार रुपये के नोट बैंक खातों में जमा करा सकेंगे या फिर उन्हें अन्य मूल्य के नोटों के साथ किसी भी बैंक शाखा में जाकर एक्सचेंज करा सकेंगे। लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि एक बार में अधिकतम 20 हजार रुपये मूल्य के नोट बदलवाए जाए सकेंगे। यह प्रक्रिया 23 मई से शुरू होगी और 30 सितंबर 2023 को खत्म होगी।
आरबीआई ने कहा, “परिचालन सुविधा सुनिश्चित करने और बैंक शाखाओं की नियमित गतिविधियों में व्यवधान से बचने के लिए, 23 मई, 2023 से किसी भी बैंक में एक बार में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तक की जा सकती है।
जबकि RBI ने शुक्रवार को कहा, “यह भी देखा गया है कि इस मूल्यवर्ग का इस्तेमाल आमतौर पर लेनदेन के लिए नहीं किया जाता है।इसके अलावा, अन्य मूल्यवर्ग में बैंक नोटों का स्टॉक जनता की मुद्रा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।