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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में एक बार फिर से नीतीश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए तैयारी में है। सीएम नीतीश ने कहा है कि राज्य में जीतने भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं उन्हें अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदला जाएगा । उन्होंने कहा की 533 पीएचसी में 260 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित भी कर दिया गया है। इसके तहत छह बेड की जगह 30 बेड की सुविधा बहाल की जा रही है।
ये सभी बातें सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को 500 करोड़ की लागत के जमुई चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शिलान्यास समेत 1919 करोड़ 95 लाख की 772 योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन करने के दौरान संबोधन में कही ।
वहीं राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमलोगों को मौका मिला है, सभी क्षेत्रों में विकास का काम किया जा रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य पर शुरू से विशेष जोर रहा है।
उन्होंने कहा कि हमलोगों को जब से मौका मिला है तब से सभी क्षेत्रों में विकास पर कार्य कर रहे हैं । बिहार में पहले छह सरकारी व दो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे। अब राज्य में 11 सरकारी मेडिकल कॉलेज और छह प्राइवेट हैं। हमलोगों ने आईजीआईएमएस में भी काफी काम कराया। अब इसे 2500 बेडों वाला अस्पताल बनाया जा रहा है। पहले कोई यहां इलाज के लिए नहीं आना चाहता था, लेकिन अब यहां की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था एवं सुविधा के लिए काफी लोग आते हैं। पटना में एम्स का निर्माण कराया गया और दरभंगा में भी कराया जा रहा है। स्वास्थ्य उपकेंद्र में इलाज के लिए आनेवाले लोगों को बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञों के माध्यम से टेलीमेडिसिन द्वारा परामर्श देने का काम प्रारंभ किया गया है।
सीएम नीतीश ने कहा कि सिटी स्कैन, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, डायलिसिस सहित मरीजों को हर प्रकार की सुविधाएं सभी जिला अस्पतालों में उपलब्ध करायी जा रही हैं। पटना में जयप्रकाश नारायण अस्पताल, राजवंशी नगर में हड्डी संबंधित बीमारी के उपचार के लिए इसे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया गया। राजेंद्रनगर में आंख की चिकित्सा को बेहतर बनाने के लिए राजेंद्र अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया गया। गार्डिनर रोड अस्पताल को भी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है। इन तीन सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में अलग निदेशक होंगे और यह यह स्वायत्त अस्पताल होगा। बाल हृदय योजना की शुरुआत इसी साल फरवरी माह में हुई और अब तक 264 बच्चों का इलाज कराया गया है।
आपको बता दें की पीएचसी में ये सुविधाएं होती है:
– पीएचसी में बेड की संख्या 06 ही होती है
– सामान्य चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी रहते हैं
– बड़े ऑपरेशन की सुविधा नहीं रहती
– पीएचसी के अनुरूप दवाओं की व्यवस्था होगी
– उच्चस्तरीय इलाज के लिए मरीज रेफर किए जाते हैं
जबकि सीएचसी बनने पर ये सुविधाएं मिलेंगी–
– बेड की संख्या 30 हो जाएगी
– विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी तैनाती होगी
– ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध रहेगी
– सीएचसी के अनुरूप अधिक दवाओं की व्यवस्था होगी
– उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी
कोरोना के संक्रमण पर भी उन्होंने बात की और लोगों से कहा कि वे सतर्क और सावधानी बरतें । वहीं एम्स के और विस्तार पर भी बात की और कहा कि इसके और विस्तार के लिए जमीन उपलब्ध कराएंगे । उन्होंने बाहर से आनेवाले मरीजों के ठहरने के लिए परिचारिका गृह के निर्माण कराने की भी बात कही । उन्होंने आयुष क्षेत्र में भी कार्य करने की बात कही। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री चिकित्सा कोष से होनेवाली सहायता में कई और बीमारियों को भी शामिल करने की बात कही ।