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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में जमीनी विवाद को खत्म करने को लेकर सरकार गंभीर है। आए दिन कोई न कोई हत्या या मारपीट की खबरें आती रहती हैं । लेकिन अब यह समस्या जल्द ही खत्म की जाएगी । अब राज्य में जमीन विवाद को 10 भागों में बांटकर सूची बनाई जाएगी । फिर सभी का अलग यूनिक कोड, साफ्टवेयर बनाकर गृह विभाग इसकी मॉनिटरिंग करेगा।
गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि भूमि विवाद मामलों का सूची बनायी जाये। मामलों की गंभीरता को देखते हुए यूनिक कोड दी जाए जिसमें जमीन विवाद स्थल, उनकी संवेदनशीलता की स्थिति और विवाद का पूरा इतिहास रहे। उन जमीन विवाद मामलों के मॉनिटरिंग के लिए गृह विभाग साफ्टवेयर बनाएगा और उसका संचालन भी करेगा।
थाना और अंचल स्तर के जमीन विवाद मामलों की विधि व्यवस्था और जान माल के संभावित नुकसान की संवेदनशीलता को देखते हुए प्राथमिकता बनायी जाएगी। थाना प्रभारी और सीओ अपने ऊपर के पदाधिकारी एसडीपीओ और एसडीओ को ऐसे मामलों से अवगत कराएंगे। वहीं एसडीपीओ और एसडीओ पूरे मामले की समीक्षा कर एसपी और डीएम को बताएंगे।
गृह विभाग द्वारा बनाये गये साफ्टवेयर के माध्यम से आयुक्त और आईजी सभी स्तर पर जमीन विवाद मामलों की मॉनिटरिंग, ट्रैकिंग और समीक्षा करेंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग भी समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट गृह विभाग को देगा। मामलों के अनुसार समाधान की अल्पकालीन और दीर्घकालीन रणनीति बनेगी।
जरुरत पड़ने पर सीआरपीसी और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। न्यायालय स्तर के आदेशों का अनुपालन अंचल और थाना स्तर पर ही सुलझाने की पूरी कोशिश होगी। अभी थाना और अंचल स्तर से लेकर एसपी और डीएम स्तर तक विवादों को लेकर बैठक होती हैं और उनकी कार्यवाही बिहार सुधार मिशन में अपलोड होते हैं।
वहीं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर से मामले को सुलझाने की कार्रवाई होती है। इसको लेकर सभी चौकीदार को अपने इलाके से संबंधित भूमि विवादों की जानकारी प्रत्येक शनिवार को अंचल अधिकारी को उपलब्ध कराते है।
आपको बता दें कि बिहार में जमीनी विवाद के कारण ढेर सारे मुकदमे अभी कोर्ट में लंबित हैं । वहीं इस विवाद के कारण अंचल और प्रशासन पर भी काफी बोझ रहता है। साथ ही इससे कई विकासात्मक कार्य भी प्रभावित होता है।