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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन:बिहार के लोगों को जल्द ही उसना चावल मिलने लगेगा । दरअसल नीतीश सरकार ने सभी जिलों को प्राथमिकता के आधार पर उसना चावल आपूर्ति करने का आदेश दिया है। अब इससे उसना चावल की मिलों के दिन फिर से लौटेंगे । हालांकि यह भी बात है कि उसना चावल की मिलें पर्याप्त संख्या में नहीं है। इसलिए सरकार ने सभी पैक्सो को नजदीकी के उसना चावल के मिलों से टैग किया है। साथ ही सभी डीएम से कहा गया है कि वें जिस जिले में उसना चावल की कुटाई होती है वहां किसान से खरीद की गई धान को ले जाने की व्यवस्था करें।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के 8 करोड़ 60 लाख लाभुकों का ध्यान रखते हुए सरकार द्वारा राज्य खाद्य निगम को उसना चावल की आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। अरवा की जगह उसना चावल की खरीद पैक्सों से होगा। इसलिए किसानों से धान खरीद कर उसकी कुटाई पैक्सों द्वारा उसना चावल मिलों में करायी जाएगी। सरकार का मानना है कि उसना चावल से सेहत ठीक रहता है और प्रदेश की बड़ी आबादी उसना चावल खाती है। लाभुकों के बीच सालाना 30 लाख मीट्रिक टन चावल वितरित की जाती है।
खाद्य सचिव विनय कुमार ने बताया कि सरकार के स्तर से प्राथमिकता के आधार पर उसना चावल तैयार कराकर उसकी खरीद का निर्देश सभी जिलों को दिया गया है, क्योंकि कैमूर, रोहतास व बक्सर को छोड़ शेष जिलों में पीडीएस के लाभुकों में उसना चावल की ही डिमांड है। वर्तमान 115 उसना चावल मिलें हैं। जिससे पैक्सों को टैग किया गया है। इसका मतलब यह नहीं कि अरवा चावल तैयार नहीं होंगे या उसकी खरीद नहीं होगी। उसना चावल मिलों की क्षमता के अनुसार ज्यादा से ज्यादा उसना चावल ही तैयार कराने का निर्देश दिया गया है। इस आदेश से किसानों से धान खरीद पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि किसानों को धान बेचना है और उसके एवज में पैसा पाना है।
• गरीबों की मांग होगी पूरी, उसना चावल उपलब्ध कराएगी सरकार
• सभी जिलों को प्राथमिकता के आधार पर उसना चावल की आपूर्ति का आदेश
• उसना चावल मिलों से टैग किए गए जिलों के धान क्रय केंद्र
खाद्य सचिव ने बताया कि पिछले साल 12 दिसंबर तक 84 हजार 121 मीट्रिक टन धान खरीद हुई थी। जबकि इसवर्ष अब तक 3 लाख 62 हजार 244 मीट्रिक टन धान खरीद हो चुकी है। जो पैक्स किसानों से धान खरीद में किसी तरह की लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आदेश जिलाधिकारियों को दिया गया है।
आपको बता दें कि बिहार में अभि भी लोग अधिकतर उसना चावल ही पसंद खाने के लिए करते हैं । हालांकि उसना चावल के लिए कई प्रक्रिया किसानों को करना पड़ता है। लेकिन खासकर गावों में अभी भी लोगों की पहली पसंद उसना चावल ही है।