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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: आज किसान संगठनों के द्वारा बुलाई गई भारत बंद शुरू हो गया है। 27 सितंबर यानी आज ही के दिन किसानों से जुड़े बिल को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी । अब लगभग किसान आन्दोलन के 10 महीने हो चुके हैं । अभी तक आन्दोलन जारी है। सरकार और किसान नेताओं में कोई वार्ता अब तक नहीं हुई है और न किसी बात पर सहमति बनी है। दोनों पक्ष अपनी बात पर अडिग हैं ।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले इस बंद में 40 से अधिक कृषि संगठन शामिल हैं। कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन का ऐलान किया है। सुबह 6 बजे से शुरू हुआ बंद शाम के 4 बजे तक जारी रहेगा।
कई इलाकों में किसानों ने प्रमुख सड़कों पर सुबह से ही डेरा डाल दिया है। पुलिस प्रशासन ने एहतियान कुछ सड़कों पर ट्रैफिक रोक दिया है।
वहीं इस भारत बंद को कई राजनीतिक दलों ने भी अपनी समर्थन दिया है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाम दल, तेलुगू देशम पार्टी, एलडीएफ ने अपना समर्थन दिया है।
जबकि बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि वो भी देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेंगे और वे भी इसके समर्थन में निकल चुके हैं।
बिहार में राजद नेता मुकेश रौशन और पार्टी के अन्य सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में हाजीपुर में विरोध प्रदर्शन किया। हाजीपुर-मुजफ्फरपुर मार्ग पर दिखा ट्रैफिक जाम, महात्मा गांधी सेतु पर आवाजाही भी प्रभावित हुई है।
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को राजद सक्रिय समर्थन देगा। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अपील है।
प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के निर्देश पर राजद के सभी कार्यकर्ता किसान संगठनों द्वारा सोमवार को बुलाए गए शांतिपूर्ण भारत बंद के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे। राजद ने सभी कारोबारियों, कर्मचारियों, मजदूरों एवं आम लोगों से बंद को सफल बनाने में सहयोग और समर्थन देने की अपील की है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि हमारी पार्टी तीनों नए कानून को वापस लेने की मांग करती है और किसानों के साथ वार्ता की प्रक्रिया शुरू किए जाने के पक्ष में है। वे दस महीने से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य को हर किसान का कानूनी अधिकार बनाया जाए, क्योंकि अब वे केवल जुमले नहीं चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के वादे का उल्लेख करते हुए उन्होंने दावा किया कि किसी एक किसान परिवार की 2012-2013 की आय के साथ 2018-2019 की आय की तुलना की जाए तो 48 फीसद से घटकर 38 फीसद रह गई है।किसान संगठनों के बंद को कांग्रेस और जन अधिकार पार्टी (जाप) ने भी ने भी अपना समर्थन दिया है।
इसके साथ ही पंजाब के नवनिर्वाचित सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी बंद का समर्थन किया है। भारतीय किसान यूनियन ने उनके समर्थन का स्वागत किया है, लेकिन कहा है कि वो किसी भी राजनीतिक दल के साथ मंच साझा नहीं करेंगे ।