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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: देश के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में आज यानी सोमवार को द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ली। उन्हें शपथ संसद भवन में जस्टिस एनवी रमना ने दिलाई। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही कई रिकॉर्ड द्रौपदी मुर्मू के नाम बन गये । वे पहली आदिवासी महिला हैं जो राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुई हैं। इसके साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ऐसी पहली राष्ट्रपति बनी हैं जिनका जन्म भी आजाद भारत में हुआ है। वे ओडिशा से आदिवासी समुदाय से आती हैं। समारोह कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ नेता व हस्तियां मौजूद रहे।
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू जी ने कहा, मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गाँव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूँ, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी। मैं जनजातीय समाज से हूँ, और वार्ड कौन्सिलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है। यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है।
द्रौपदी मुर्मू जी ने कहा, ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है। राष्ट्रपति के पद तक पहुँचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।
वहीं शपथ ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 21 तोपों की सलामी दी गई। उनके सादगी के भी चर्चे शपथ ग्रहण के दौरान खूब हुए। उन्होंने शपथ ग्रहण के दौरान संथाली साड़ी और सफेद हवाई चप्पल पहन रखी थी। बता दें कि वे जब झारखंड की राज्यपाल थी उस समय भी उनकी सादगी के चर्चे होते थे। अब पांच साल तक राष्ट्रपति के रूप में भी सादगी देखने को मिलेगा।