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इनसाइड स्टोरी : विधानसभा उपचुनाव की सीट जीतने के बाद तेजस्वी की ये है सरकार बनाने के लिये पूरी रणनीति,पढ़ें

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जे.पी.चन्द्रा की विशेष रिपोर्ट

बिहार नेशन: इस समय बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मचा है। बिहार में विधानसभा की दो सीटों के लिये उपचुनाव होना है।  ऐसे में विपक्षी पार्टियां भी कुछ ऐसे बयान दे दे रहे हैं कि उससे सत्ता पक्ष की नींद उड़ जा रही है। हाल ही में यह मामला तब और गरमा गया जब
NDA के सहयोगी दल वीआइपी पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी ने एक बयान में कहा कि लालू यादव उनके लिए एक सम्मानित नेता हैं और वो बुलायेंगे तो उनसे मिलने जायेंगे ।

Saundik interprizes

गौरतलब है कि विधान सभा की दो सीटों के लिए उप-चुनाव हो रहा है।  ये दोनों सीटें JDU के खाते की हैं।अगर ईन दोनों सीटों को जीतने में RJD को सफलता मिल जाती है तो बिहार में राजनीतिक उथल-पुतल मच सकता है।

शुभकामनाएं

मालूम हो कि लालू प्रसाद दावा कर चुके हैं कि दोनों सीटों पर राजद के उम्मीदवार जीतेंगे तो सत्ता पार्टी में भागमभाग मचेगी। सरकार गिर सकती है और उनकी सरकार बन सकती है।

शुभकामनाएं

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तो चुनाव प्रचार के दौरान यहीं दावा करते नजर आये कि उनकी जीत हुई तो सरकार उनकी बन जायेगी। मालूम हो कि साल 2020 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस, RJD और लेफ्ट पार्टियों का गठबंधन था। इसे महागठबंधन का नाम दिया गया।

नामांकन

वहीं चुनाव के बाद राजद को 75, कांग्रेस को 19, CPI (ML) को 12, CPI(M) को 2 और CPI को 2 सीटें हासिल हुईं। इस तरह महागठबंधन ने 110 सीटों पर विजय हासिल की। NDA ने 125 सीटें हासिल कीं और बिहार में NDA की सरकार बन गई।

शुभकामनाएं

सरकार बनने के बाद बसपा के विधायक जमा खान और लोजपा के विधायक राजकुमार सिंह जेडीयू में चले गए। दोनों अपनी-अपनी पार्टी के एकलौते विधायक थे इसलिए पार्टी बदलने से कोई दिक्कत नहीं हुई। निर्दलीय सुमित सिंह ने नीतीश सरकार को समर्थन किया है और वे सरकार में मंत्री हैं।  वे JDU में शामिल नहीं हुए हैं।

शुभकामनाएं

अब सत्ताधारी NDA में भाजपा के पास 74, JDU के पास 43, हम के पास 4, VIP के पास 4 विधायक हैं। यानी कुल 125 विधायक हैं। दूसरी तरफ महागठबंधन के पास 110 विधायक हैं।

शुभकामनाएं

अभी कांग्रेस और आरजेडी आमने सामने हैं लेकिन ये सबको पता है कि उपचुनाव परिणाम के बाद फिर से दोनों दल साथ आ जायेगें। लालू प्रसाद की पार्टी दो सीटों पर जीत हासिल कर जाती है तो महागठबंधन में विधायकों की संख्या 112 हो जाएगी।

शुभकामनाएं

सरकार बनाने के लिए 122 विधायक चाहिए।ओवैसी की पार्टी AIMIM के पास 5 विधायक हैं। जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के पास 4 विधायक हैं और मुकेश सहनी की पार्टी VIP के पास 4 विधायक हैं।

शुभकामनाएं

महागठबंधन को अगर AIMIM के 5 विधायक , HAM के 4 विधायक और एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह का साथ मिल जाता है तो संख्या बल 122 पर पहुंच जाती है। VIP से ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है क्योंकि वे BJP के नेता हैं । फिर भी उसमें से भी तीन तोड़े जा सकते हैं।

शुभकामनाएं

किसी भी तरह महागठबंधन 122 की संख्या पर पहुंच जाता है तो JDU के चार विधायकों को रिजाइन करवाकर महागठबंधन अपना दावेदारी प्रस्तुत कर सकता है और सरकार बना सकता है।

शुभकामनाएं

JDU को तोड़ने के लिए दो तिहाई विधायकों को तोड़ना होगा और यह मुश्किल काम है। हालांकि, लालू प्रसाद कह रहे हैं कि दोनों सीट हम जीत जाएंगे तो भागमभाग मच जाएगी। लेकिन ये बात भी तय है कि अगर ये दोनों सीटें JDU जीत जाती है तो उसकी ताकत थोड़ी और बढ़ जाएगी।. BJP का दबाव भी थोड़ा कम होगा।

शुभकामनाएं

ये दीगर बात है कि दो सीटें JDU जीत भी जाती है तो भी BJP ही NDA में बड़ी पार्टी रहेगी। JDU दोनों सीटें हारती हैं तो BJP का मनोवैज्ञानिक दबाव नीतीश कुमार पर बढ़ जाएगा।

शुभकामनाएं

यह भी बात सत्य है कि अगर सरकार की बहुमत पर कोई असर पड़ता है तो बीजेपी अपनी सारी ताकत को झोंक देगी । लेकिन अगर सरकार बच भी जाती है तो बीजेपी का जेडीयू पर दवाब बना रहेगा ।

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