BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: अगर पुलिस आपको गिरफ्तार करने की कोई कदम उठाती है, तो आपके कुछ मौलिक अधिकार होते हैं:
• हक सुनवाई: आपको एक पूर्व-अद्यतन और निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है, जिसका माध्यम कोर्ट होता है।
• खुद को चुपाने का अधिकार: आपको अपने हक के रूप में समझबूझकर चुपाने का अधिकार है, जिसमें आपको पुलिस से अपने वकील के साथ बातचीत करने का अधिकार है।
खुद को चुपाने का अधिकार” का मतलब होता है कि जब पुलिस या किसी अन्य अधिकारी द्वारा आपको पूछताछ किया जाता है या गिरफ्तार करने का प्रयास किया जाता है, तो आपको अपने अधिकारों को समझकर चुप रहने का अधिकार होता है। इसका मतलब होता है कि आप बिना अपने वकील के साथ बातचीत किए बिना कुछ न कह सकते हैं। आपको सबूत प्रस्तुत करने या अपने आत्मसमर्पण के दबाव में आने की ज़रूरत नहीं होती है।
यह आपके समर्थन और न्यायिक सुनवाई के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपको आपके अधिकारों की सुरक्षा देने में मदद करता है और अन्याय से बचने में मदद कर सकता है।
• गिरफ्तारी का साहित्य: जब आपको गिरफ्तार किया जाता है, तो आपको गिरफ्तारी के कागजात और आपके अधिकारों के बारे में सूचना दी जानी चाहिए।
• समय सीमा: पुलिस आपको बिना आपकी सहमति के अधिकतम 24 घंटे तक गिरफ्तार रख सकती है, लेकिन इसके पश्चात् आपको न्यायिक हिरासत में पेश किया जाना चाहिए।
• ज़िम्मेदारी का अधिकार: आपको दोषी साबित होने पर ही सजा मिल सकती है, और आपको समर्थन प्राप्त करने का अधिकार होता है।
यदि आपके अधिकारों का उल्लंघन हो, तो आप न्यायिक मार्ग का सहारा ले सकते हैं और एक वकील की मदद ले सकते हैं।