BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन कितना खतरनाक है,जानिए उससे जुड़ी 10 बातें
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: एक बार फिर से कोरोना संक्रमण ने अपने नये रूप में रफ्तार पकड़ ली है। इस बार कोरोना के नये वेरिएंट ओमीक्रॉन ने दस्तक दी है। इस बार इसे दक्षिणी अफ्रीका में पहली बार पाया गया है ऐसा माना जा रहा है । वहीं दक्षिण अफ्रीका में मिले कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर लगातार शोध जारी है। हाल में पूरी दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए इसे जिम्मेदार माना जा रहा है।
हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि नया वेरिएंट पहली बार कहां सामने आया लेकिन दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने पिछले हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसे लेकर जानकारी दी।
अब आलम ये है कि इसके मामले ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, नीदरलैंड सहित कई देशों में सामने आ चुके हैं। आखिर ओमीक्रॉन वेरिएंट कितना खतरनाक साबित हो सकता है और अब तक इसे लेकर क्या जानकारी वैज्ञानिकों के हाथ लगी है। आईए इस बारे में जानते हैं।
ओमीक्रॉन वेरिएंट के बारे में अहम बातें–
1. WHO ने शुक्रवार को इसे वेरिएंट को ‘चिंताजनक स्वरूप’ बताया था और इसे ‘ओमीक्रोन’ नाम दिया गया। दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला कह चुके हैं कि यह स्वरूप पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में हुई ”बेतहाशा वृद्धि” के लिए जिम्मेदार है।
2. हाल के हफ्तों में हर दिन करीब 200 नए मामले सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका में शनिवार को 3,200 से अधिक मामले सामने आए। इनमें से अधिकांश गोतेंग में सामने आए। जानकारों के मुताबिक गोतेंग में 90 प्रतिशत से अधिक मामले इसी नए वेरिएंट के हैं।
3. सामने आई जानकारी के अनुसार ओमीक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में सबसे ज्यादा करीब 30 बार म्यूटेशन या परिवर्तन हुए हैं। इसमें 26 म्यूटेशन ऐसे जो पहले कभी अल्फा, बीटा, गामा या डेल्टा जैसे वेरिएंट में नजर नहीं आए।
4. इस कारण इसके आसानी से और तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कुछ डेटा बताते हैं कि अन्य प्रकारों की तुलना में ‘प्रारंभिक साक्ष्य इस स्वरूप से पुन: संक्रमण के बढ़ते जोखिम का सुझाव देते हैं।’ इसका मतलब है कि जो लोग संक्रमण से उबर चुके हैं, वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
5. ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कोविड-19 की जीनोम सीक्वेंसिंग की अगुवाई करने वाली शेरोन पीकॉक ने कहा कि अब तक के आंकड़ों से पता चलता है कि नए वेरिएंट में परिवर्तन ‘बढ़े हुए प्रसार के अनुरूप’ है, लेकिन ‘कई परिवर्तनों के असर’ का अब भी पता नहीं चल पाया है।
6. वैज्ञानिकों के मुताबिक ‘ओमीक्रोन’, बीटा और डेल्टा स्वरूप सहित पिछले स्वरूपों से आनुवंशिक रूप से अलग है लेकिन यह नहीं पता चल पाया कि क्या ये आनुवंशिक परिवर्तन इसे और अधिक संक्रामक या घातक बनाते हैं। अब तक, कोई संकेत नहीं मिले हैं कि स्वरूप अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
7. इस वेरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन का असर कितना है, इस बारे में फिलहाल कुछ भी ठोस रूप से पता नहीं चल सका है। यह पता करने में संभवत: हफ्तों लग सकते हैं कि क्या ओमीक्रोन अधिक संक्रामक है और क्या टीके इसके खिलाफ प्रभावी हैं या नहीं।
8. नया वेरिएंट कैसे आया, इसे लेकर वैज्ञानिक कहते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के साथ ही अपना रूप बदलता रहता है और इसके नए स्वरूप सामने आते हैं। यह आम बात है। हर वायरस के साथ ऐसा होता है। इनमें से कुछ काफी घातक हो सकते हैं लेकिन कई बार वे खुद ही खत्म भी हो जाते हैं।
9. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह नया स्वरूप ‘किसी ऐसे व्यक्ति में विकसित हुआ हो सकता है जो संक्रमित था।’
10. रोम के प्रतिष्ठित बैमबिनो गेसू अस्पताल ने इस वेरिएंट की ‘पहली तस्वीरें’ प्रकाशित की हैं। इससे पता चलता है कि वायरस के वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट से कहीं ज्यादा म्यूटेशन हैं। नई तस्वीरें बताती हैं कि वायरस ने नया वेरिएंट बनाकर इंसानों के हिसाब से खुद को और अनुकूल कर लिया है।
अब भारत के कई राज्यों में एक बार फिर से लॉकडाउन लगाने की चर्चा तेज हो गई है। बेंगलुरू में एक इस तरह के बाहर से आये एक व्यक्ति में लक्षण पाया गया है। उसकी जांच की जा रही है। वहीं केरल सरकार ने लॉकडाउन लगाना ही एकमात्र विकल्प अपने प्रदेश में बताया है। जबकि दिल्ली में भी इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है। वहीं मोदी सरकार ने विमानों के उड़ान पर रिव्यू करने की बात कही है।