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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं । एक बार फिर से उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। शनिवार को चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में बहस पूरी हो गई। सीबीआई की विशेष अदालत इस मामले में 15 फरवरी को अपना फैसला सुनाएगी। बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
जबकि 15 फरवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत 110 आरोपियों पर फैसला सुनाया जाएगा। डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी, जो चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला है। इस मामले में लालू प्रसाद, जगदीश शर्मा, डॉ. आरके शर्मा, ध्रुव भगत, पांच आइएएस, 30 पशु चिकित्सक, छह एकाउंट व 56 आपूर्तिकर्ता आरोपी हैं।
बता दें कि डोरंडा मामला बहुचर्चित चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला है। इसमें अवैध निकासी फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति, फर्जी रसीद के सहारे की गई है। इस मामले में ही पशुओं की ढुलाई के लिए स्कूटर, बाइक, ऑटो जीप आदि का प्रयोग किया गया था। इसमें पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, तत्कालीन पशुपालन मंत्री के साथ सांठगांठ कर राजस्व की गड़बड़ी का आरोप है।
अभी डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद समेत 112 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं। सीबीआई ने शुरू में 170 लोगों को आरोपी बनाया था। लालू समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था। सुनवाई के दौरान अबतक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है।
गौरतलब हो कि लालू प्रसाद को कई मामले में सजा भी हो चुकी है। फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं । उनके ऊपर विपक्ष इस मामले में लगातार हमले भी करता है और जमानत पर बाहर आकर राजनीति करने का आरोप भी लगाता रहा है। वहीं उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को उनके बाद उनकी राजनीतिक का वारिस माना जाता है।