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पटना के पारस अस्पताल में फर्जी डॉक्टर कर रहा था तीन साल से मरीजों का इलाज, अब आया पकड़ में, मामला दर्ज

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार के पटना से बड़ी खबर है। जहाँ एक नामी-गिरामी हॉस्पिटल में फर्जी डॉक्टर पिछले कई सालों से डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज कर रहा था। वह अन्य की डिग्री पर मरीजों की जान से खेल रहा था। बता दें कि यह मामला पटना के पारस अस्पताल का है। अब जाकर इसका पता चला है।

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इसका पता चलने पर अस्पताल प्रबंधन सकते में आ गया। अस्पताल ने उसे नौकरी से निकाल फर्जीवाड़ा करने वाले डॉक्टर मोहम्मद शमीम फारूकी के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में भी आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज था। थानेदार राम शंकर सिंह ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है।

मोहम्मद शमीम फारूकी राजाबाजार स्थित अस्पताल में सेवारत था। उसने दिसंबर 2020 में अस्पताल में अपना योगदान दिया था। मूलरूप से दरभंगा जिले के लालबाग निवासी आरोपित पटना में चितकोहरा इलाके में रह रहा था। उसके पिता भी चिकित्सक बताए जा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक शमीम नेपाल स्थित काठमांडू विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। लेकिन फेल हो जाने के कारण वह पढ़ाई पूरी नहीं कर सका। आरोपी फर्जी डिग्री देकर विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई कर चुके डॉक्टरों के प्रैक्टिस के लिए जरूरी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (एफएमजीई) में भी बैठा था। इसमें भी वह सफल नहीं हो सका। इसके बाद फारूकी मोहम्मद जावेद नाम के अन्य उत्तीर्ण अभ्यर्थी के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर रहा था।

जानकारी के मुताबिक फारूकी ने पटना के पारस अस्पताल जाने से पहले हरियाणा के एक अस्पताल में काम किया था, जहां बर्खास्त होने से पहले वह 16 दिसंबर, 2020 और 10 मई, 2023 के बीच एक आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात था। जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके वो यहां नौकरी कर रहा था।

सीबीआई के साक्ष्यों के मुताबिक फारूकी को एफएमजीई-सितंबर 2012 की परीक्षा में 300 में 120 नंबर मिले थे। लेकिन उसने जाली दस्तावेज संलग्न किए थे। फारूकी ने मोहम्मद जावेद के दस्तावेज इस्तेमाल किए थे। जावेद को 300 में 213 अंक मिले थे और उसका रोल नंबर 122096321 था।

आपको बता दें कि सीबीआई की दिल्ली इकाई ने वर्ष 2022 दिसंबर में 74 फर्जी डॉक्टरों के विरुद्ध प्राथमिकी की थी। इसमें मोहम्मद शमीम फारूकी का नाम भी है। इसकी जानकारी मिलने पर अस्पताल ने 10 मई को शमीम को नौकरी से निकाल दिया। जबकि इसे लेकर थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई गई है।

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