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बिहार के नियोजित शिक्षक अब बनेंगे राज्यकर्मी, लेकिन देना होगा परीक्षा, मिलेगा तीन मौका, पास नहीं होने पर सेवा समाप्त
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में लंबे समय से शिक्षकों के द्वारा राज्यकर्मी की मांग की जा रही थी। जिसे अब प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने पुरा करने का निर्णय ले लिया है। इसके लिए नई शिक्षक नियमावली भी बनकर तैयार हो गयी है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि शिक्षा विभाग ने इसे अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है और सात दिनों के भीतर सुझाव भी मांगा है। जिससे बिहार में नियोजित टीचर्स के लिए राज्यकर्मी बनने का रास्ता भी साफ हो गया है।
लेकिन नई शिक्षक नियमावली में राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देनी होगी।
वहीं इसके लिए शिक्षा विभाग एक एजेंसी का चयन करेगा। यही एजेंसी के माध्यम से सभी विशिष्ट शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित करेगी।सक्षमता परीक्षा इस नियमावली के प्रकाशित होने की तिथि से एक वर्ष के अवधि में आयोजित की जायेगी। प्रत्येक शिक्षक को सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए तीन अवसर दिया जाएगा। वैसे शिक्षक जो तीसरे प्रयास में भी सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने में विफल रहेंगे, उन्हें सेवा से हटा दिया जायेगा
नई नियमावली के मुताबिक अब पंचायत और नगर निकाय में नियुक्त सभी शिक्षक अब विशिष्ट अतिथि कहलाएंगे। विशिष्ट शिक्षक के सेवानिवृत्त, त्याग-पत्र या बर्खास्त होने पर रिक्त पद पर नियुक्ति स्थानीय निकाय द्वारा नहीं की जाएगी। यह नियुक्ति या प्रोन्नति बिहार राज्य अध्यापक नियमावली 2023 के तहत होगी।
शिक्षा विभाग ने पे स्केल भी तय कर दिया है। विशिष्ट शिक्षकों को 4 कैटेगरी में डाला गया है। क्लास 1 से 5 तक के शिक्षकों को 25 हजार तक का वेतनमान मिलेगा जबकि क्लास 6 से 8 तक के शिक्षकों को 28 हजार तक का वेतन मिलेगा। क्लास 9 से 10 के शिक्षकों को 31 हजार तक का वेतनमान मिलेगा। साथ ही 8 साल में प्रमोशन होगा। बड़ी बात ये है कि अब विशिष्ट शिक्षकों का ट्रांसफर भी होगा।