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शिक्षक नियमावली के विरोध पर बोलें शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, शिक्षक परीक्षा देने से भाग क्यों रहे हैं?’

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार में जब से शिक्षकों की बहाली के लिए नई नियमावली का गठन हुआ है तब से ही इसका विरोध भी जारी है। लगातार इस शिक्षक नियमावली को लेकर टीईटी और एसटीईटी के अभ्यर्थी हंगामा कर रहे हैं। वहीं, इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने सोमवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सभी जिलों से रिक्तियों की मांग की गई है। बहाली के लिए विज्ञापन जल्द ही निकाला जाएगा। बिहार में गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए कड़े फैसले लेने की जरूरत है। वहीं, कुछ लोग शिक्षक और अभ्यर्थी संघ को बरगला रहे हैं।

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बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की जरूरत है। शिक्षक परीक्षा देने से भाग क्यों रहे हैं? यह समझ में नहीं आ रहा है। कई टीचर ऐसे हैं जो बच्चों को क्या पढ़ाते हैं उनको खुद नहीं पता होता है। अब गरीब के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिले। परीक्षा लेकर बहाली करना इसलिए अति आवश्यक है बीजेपी के नेता इस मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे हैं। पहले सुशील मोदी कहते थे कि नियोजित शिक्षकों को वेतनमान नहीं किया जा सकता है लेकिन आज हम इसको कर रहे हैं।

बता दें कि बिहार सरकार ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी है। शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी के माध्यम से होगी। सीटीईटी, एसटीईटी और टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी परीक्षा में अधिकतम तीन बार बैठ सकेंगे । बहाल शिक्षक सरकारी कर्मी कहलाएंगे। नई नियुक्ति नियमावली अब प्रभावी भी हो गई है। 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2023 की मंजूरी दे दी है। अब शिक्षक अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे।

गौरतलब हो कि इससे पहले शिक्षकों की नियुक्ति नियोजन के माध्यम से होती थी। इसके लिए पहले बिहार में हजारों नियोजन इकाइयों के द्वारा नंबर के माध्यम से मेघा अंक बनाकर नियोजन किया जाता था।

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