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औरंगाबाद में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक में उप विकास आयुक्त ने दिए कड़े निर्देश, एएनएम एवं आशा कार्यों में लें रूचि
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: आज दिनांक- 16 मई 2023 को समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त द्वारा आहूत स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक के दौरान कई दिशानिदेश दिए गए. स्वास्थ विभाग के अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य उप केंद्रों, एएनएम एवं आशा के स्तर से संपन्न कार्यों की संख्या की समीक्षा के क्रम में यह स्पष्ट हुआ कि कतिपय संस्थानों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कार्यों में रुचि नहीं ली जा रही है जिसके कारण जिले के हेल्थ इंडिकेटरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इस प्रसंग में उप विकास आयुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि सम्बंधित चिकित्सक एवं कर्मी अपने कार्य व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाएं अन्यथा कृत कार्रवाई के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे.
सिविल सर्जन डॉ. रवि भूषण श्रीवास्तव द्वारा उक्त आशय की जानकारी देते हुए यह बताया गया कि पिछली बैठक के निर्देश के आलोक में खराब प्रदर्शन करने वाले एएनएम एवं आशा की सूची तैयार कर ली गई है. चिन्हित कर्मियों से स्पष्टीकरण की मांग की जा रही है. सुधार नहीं होने की स्थिति में निदेशानुसार अनुशासनिक एवं विभागीय कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. इस क्रम में सबसे पहले उन आशा कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है जिनके द्वारा पिछले तीन माह में एक भी संस्थागत प्रसव, बंध्याकरण ऑपरेशन, गृह भ्रमण सहित अन्य कार्यक्रमों में रुचि नहीं ली जा रही है. साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं के समुदाय स्तर पर सुदृढ़ीकरण के लिए जो निर्देश प्राप्त हुए हैं उसके अंतर्गत इस विषय पर ध्यान देने हेतु निदेशित किया गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी संस्थान में नियमित रूप से जाएं और सेवा दें. निर्धारित समयानुसार एवं नियमित नहीं खुलने वाले संस्थानों की पहचान कर संस्थान में कार्यरत पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश प्राप्त हुआ है. यदि सम्बंधित पदाधिकारी एवं कर्मी द्वारा सुधार नहीं किया जाता है तो उनके विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने एवं आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश प्राप्त हुआ है.
जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. अनवर आलम द्वारा समीक्षित मुख्य कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया गया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की परिचर्चा के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि मदनपुर प्रखंड से पिछले माह में एक भी अति गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने हेतु नहीं भेजा गया है. साथ ही यह भी पाया गया कि सदर अस्पताल औरंगाबाद में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या प्रतिमाह काफी कम है और प्रतिदिन अधिकांश बेड खाली रह रहे हैं. इस क्रम में मदनपुर प्रखंड के आरबीएसके दल के सदस्यों से स्पष्टीकरण एवं आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.
इसी प्रकार संस्थागत प्रसव की संख्या कम रहने को लेकर निर्देश दिया गया कि आठवें, नौवें महीने की गर्भवती महिलाओं की ट्रेकिंग सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आशा एवं एएनएम के माध्यम से कराया जाए एवं संस्थागत प्रसव के लिए उन्हें उत्प्रेरित किया जाए.
डीपीएम मो. आलम द्वारा यह बताया गया कि 16 से 23 जून के दौरान सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन कराया जाएगा. इस दौरान घर-घर जाकर सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता ओआरएस पाउडर एवं ज़िंक टेबलेट का वितरण करेंगे.
समुदाय स्तर पर संचालित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य उप केंद्रों की समीक्षा के क्रम में यह स्पष्ट हुआ कि सरकारी दिशा निर्देश के अनुसार उक्त संस्थानों को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है किंतु परिवर्तित होने वाले संस्थान निर्धारित समयानुसार नहीं खुल रहे हैं. इसी प्रकार टीकाकरण सत्रों के आयोजन में भी समय का पालन नहीं हो रहा है. इस संबंध में निर्देश दिया गया कि संस्थान में विलंब से पहुंचने एवं समय से पहले वापस लौटने वाले कर्मियों की पहचान की जाए एवं उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए.
नवीनगर प्रखंड में प्रसव की संख्या लगातार कम पाए जाने को लेकर उप विकास आयुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि जिला स्तर से टीम भेजकर प्रखंड के समस्या का आकलन किया जाए.
इस बैठक में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुनील कुमार, अनुमंडलीय अस्पताल दाउदनगर के उपाधीक्षक डॉ राजेश कुमार, सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी अस्पताल एवं स्वास्थ्य प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति के लेखा प्रबंधक मो. अफरोज हैदर, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट उपेंद्र कुमार चौबे, मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी अविनाश कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ कुणाल, केयर इंडिया के टीम लीडर रितेश कुमार, डॉ अलका भारती, यूनिसेफ के एसएमसी मो. कामरान खान, यूएनडीपी के प्रतिनिधि मो अर्शी अली, पिरामल हेल्थकेयर के प्रतिनिधि धनंजय कुमार, अरुण कुमार एवं अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे.