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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में छपरा शराब कांड में मरने वालों की संख्या 30 से अधिक पहुंच गई है। इसे लेकर बिहार में बीजेपी नेता अब आक्रामक मूड में आ गए हैं। वहीं बुधवार को विधानसभा के अंदर सीएम नीतीश कुमार का आपे से बाहर होना और अमर्यादित शब्दों का विपक्ष के लिए प्रयोग करना बीजेपी को निशाना साधने का एक मौका दे दिया है। औरंगाबाद जिले से बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकारिणी सदस्य सुधीर कुमार सिंह ने इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे एक मुख्यमंत्री को इस तरह की भाषा का प्रयोग करना कहीं से भी पद के अनुरूप शोभा नहीं देता है। मुख्यमंत्री शब्दों की मर्यादा लांघ गए हैं। उनका जिस तरह से सदन के अंदर व्यवहार है उससे लगता है कि वे अस्वस्थ हैं । उन्हें तुरंत किसी चिकित्सक से मिलकर परामर्श लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है तो जनता उनसे सवाल पूछेगी ही कि जब शराब बंदी है तो फिर लोगों को यह कैसे सुलभ तरीके से मिल रहा है। सीएम नीतीश कुमार संवैधानिक पद पर बैठे हैं तो सवाल पूछा ही जाएगा। अगर उन्हें लगता है कि उनसे सवाल नहीं पूछा जाए तो वे सीएम का पद छोड़ दें । लेकिन तूम. . . तङाक की भाषा कतई शोभनीय नहीं है। सदन के सदस्यों से उन्हें माफी मांगना चाहिए।
बीजेपी नेता ने कहा कि, बिहार में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर लागु है। बिहार में शराब किसी दिन या किसी भी छन बंद नहीं हुआ है। राज्य में किसी को शराबबंदी कानून के तहत पकड़ा जाता है तो वह समाज के गरीब तबके के लोग है और अंतिम पैदान पर खड़े लोग है। इसलिए यह सोचने वाली बात है कि, जब शराबबंदी कानून लागु है और शराब नहीं मिलती है तो ये लोग जेल में कैसे बंद हैं। यह हकीकत है कि आदमी की जब मौत होती है और लोग उग्र होते हैं और हकीकत सामने आती है।
उन्होंने कहा कि, बिहार की सत्ता में बैठे हुए जो लोग हैं वही लोग लोगों को मारने के लिए यह सबकुछ करवा रहे हैं। इसलिए हमलोग हमेशा के इसको लेकर सवाल उठाते रहे हैं और आगे भी उठाते रहेंगे। सत्ता में ऊचें पैदान पर बैठे हुए लोग ही शराब कारोबारियों को संरक्षण दे रहे हैं। इसके जरिए पार्टी फंडिंग हो रही है। सत्ता में बैठे लोग बस अपने लाभ के लिए शराबबंदी फेल करा रहे हैं। बिहार में शराबबंदी जैसी कोई चीज नहीं हैं, सब जगह आसानी से शराब मिल रही है।
आगे सुधीर सिंह ने कहा कि जहरीली शराब से इतनी मौतें यह कोई नरसंहार से कम नहीं। सरकार लोगों को बचाने के लिए बनती हैं। भाजपा नेता ने कहा कि, सीएम नीतीश कुमार को जब सच्चाई बताई जाती है तो वे आपे से बाहर हो जाते हैं और इस तरह की धमकी देने लगते हैं। नीतीश कुमार अंदर से टूट चुके हैं। इसी कारण अनाप- शनाप बयान देते रहते हैं। उनको लगने लगा है कि हमारा जनाधार अब खिसकने लगा है, इसलिए यह सब हरकते कर रहे हैं। नीतीश कुमार को मृतक के परिजनों से मिलना चाहिए और सदन में इस मुद्दे पर सफाई देनी चाहिए। पार्टी इसे लेकर सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ेंगी। मृतक के परिजनों को मुआवजा और न्याय दिलाकर रहेंगे। प्रशासन के लोग मृतक के परिजनों को धमका रहे हैं कि यह मत कहो कि जहरीली शराब से लोग मर रहे हैं वरना मुआवजा नहीं दिया जाएगा। मृतक के परिजनों पर अत्याचार किया जा रहा है।