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CM नीतीश ने किया राजगीर मलमास मेला-2023 का शुभारंभ, बोलें-राजगीर से मेरा पुराना संबंध, एक करोड़ लोगों के आने की है उम्मीद
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार के राजगीर में लगनेवाला प्रसिद्ध मलमास मेला शुरू हो गया है। बुधवार को सीएम नीतीश कुमार ने राजगीर के ब्रह्मकुंड परिसर में राजकीय राजगीर मलमास मेला-2023 का फीता काटकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने राजकीय राजगीर मलमास (पुरुषोत्तम मास ) मेला के उद्घाटन समारोह के पूर्व सबसे पहले सप्तधारा ब्रह्मकुंड में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा-अर्चना की । ब्रह्मकुंड के पास स्थित महालक्ष्मी मंदिर प्रांगण में मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण कर ध्वज की परिक्रमा भी की। इस अवसर पर महालक्ष्मी मंदिर प्रांगण में राजगृह तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा समिति द्वारा आयोजित उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में पंडा समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार उपाध्याय एवं सचिव विकास उपाध्याय ने प्रतीक चिह्न, पाग एवं शॉल भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया । कार्यक्रम के दौरान राजगृह तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा समिति के प्रवक्ता सुनील उपाध्याय ने फलाहारी बाबा परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज द्वारा भेजे गए संदेश को पढ़ा।
इस अवसर पर श्री महालक्ष्मी मंदिर प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मलमास मेले के अवसर पर उपस्थित आप सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं। मलमास मेले की शुरुआत कल ही हो गई है लेकिन मैं कल बेंगलुरु में विपक्षी दलों की मीटिंग के कारण यहां नहीं आ पाया था, आज मुझे यहां आने का मौका मिला है। आपके बीच उपस्थित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। हमने दो बार यहां आकर मलमास मेले की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए थे। मलमास मेले को लेकर यहां काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। श्री राजगृह तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा समिति के सदस्यों ने अभी ब्रह्मकुंड से सूर्यकुंड तक सीधा फ्लाईओवर बनाने की मांग की है, हमने इसके लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द काम शुरू करें, हम इसे आकर देखेंगे। हम 7-8 वर्ष की उम्र से ही राजगीर आते रहे हैं। वर्ष 2009 में राजगीर में सात दिनों तक रुककर राजगीर के विकास की योजना बनाई और उस पर कई कार्य किए गए हैं। घोड़ाकटोरा, नेचर सफारी और राजगीर जू सफारी का निर्माण कराया गया, जिससे काफी संख्या में पर्यटक यहां आ रहे हैं। राजगीर जू सफारी में पाँच तरह के जानवर – बाघ, शेर, भालू, तेंदुआ एवं हिरण रखा गया है। राजगीर में आवागमन की सुविधा को भी बेहतर बनाया गया है ताकि जो लोग भी यहां आयें, उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि ऐसी मान्यता है कि मलमास के दौरान यहां पर 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं, जिस कारण राजगीर नगरी को बहुत पवित्र माना जाता है और बड़ी संख्या में लोग उनसे आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यहां आते हैं। मलमास मेले को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं के लिए साफ-सफाई, सौंदर्यीकरण, पेयजल की सुविधा, आवागमन की सुविधा सहित सभी प्रकार की सुविधाओं का ख्याल रखा गया है। राजगीर में सभी धर्म, संप्रदाय से जुड़े विशिष्ट स्थलों को विकसित किया गया है। हम बिना किसी भेदभाव के सभी धर्म और सभी इलाकों के विकास के लिए लगातार काम करते रहे हैं। जितना भी संभव है हम लोगों के विकास के लिए काम करते रहेंगे। राजगीर में मलमास मेले के दौरान 70 से 80 लाख लोग आते रहे हैं। उम्मीद है कि इस बार 1 करोड़ लोग आएंगे। मलमास मेले के दौरान प्रशासन के सभी अधिकारी और आयोजक व्यवस्थाओं की बेहतर ढंग से मॉनीटरिंग करते रहें ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि राजगीर के साथ-साथ गया और बोधगया को भी विकसित किया गया है और राज्य के कई अन्य विशिष्ट स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ही ‘बिहारशरीफ का नामकरण किया। पहले इसे ‘बिहार’ के नाम से जाना जाता था। हम सभी क्षेत्रों के उत्थान और लोगों के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। बिहार गरीब राज्य है, फिर भी कई क्षेत्रों में बेहतर काम किया है, जिसकी सभी जगह प्रशंसा भी होती है और पुरस्कृत भी किया जाता है। मलमास मेले में आने वाले लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आयोजक सारे कार्य बेहतर ढंग से करें। हम सभी धर्मों की इज्जत करते हैं। देश में प्रेम और भाईचारे का माहौल रहे, इसका ख्याल रखना है।
उन्होंने कहा कि राजगीर से मेरा पुराना संबंध है। राजगीर के विकास के लिए और जो कुछ भी संभव होगा हम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मलमास मेले के लिए जो व्यवस्था यहां की गई है, आनेवाले श्रद्धालुओं को काफी अच्छा लगेगा | मलमास मेला में पधारने वाले सभी श्रद्धालुओं को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं और राजगीर की धरती को नमन करता हूं।
कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने सरस्वती नदी के सरस्वती कुंड से वैतरणी घाट तक के जीर्णोद्धार कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया और सरस्वती कुंड में पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने जीविका दीदी की सस्ती रसोई का भी उद्घाटन किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।