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CM नीतीश ने मांझी को दिया था दो ऑप्शन, या तो पार्टी विलय कीजिए या बाहर जाईये
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के पूर्व ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। हम पार्टी सुप्रीमों जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग हो गये है। वहीं शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू के महादलित विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बना दिया है। अब इसी बात पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला दोनों तरफ से जारी है।
शुक्रवार को नीतीश कुमार ने संतोष सुमन के उस आरोप का जवाब दिया जिसमें कहा गया था कि नीतीश कुमार हम पार्टी को जदयू में विलय कराने के लिए कह रहे थे। नीतीश कुमार ने कहा कि मैने विलय के लिए जरूर बोला था। सीएम बोले की जीतन राम मांझी को मैने ही बोला था कि आपको जदयू में विलय करना है या महागठबंधन से जाना है? सीएम ने कहा कि अगर वो यहां होते तो इधर की बात भाजपा को पहुंचाते।
देखा जाय तो सीएम नीतीश कुमार ने एकतरह से जीतन राम मांझी पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाया। नीतीश कुमार ने कहा कि जीतन राम मांझी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होना चाहते थे। लेकिन वो जिस तरह कभी भाजपा नेताओं से जाकर मिलते थे और कभी इधर आते थे तो भी बताते रहते थे। उन्होंने कहा कि हम सबकुछ जान रहे थे। मेरे पास जब मिलने आए तो हमने कह दिया था कि आपको हमने बनाया है। तो आप विलय करा लिजिए या फिर अलग हो जाइए। इसपर जीतन राम मांझी ने अलग होने का फैसला लिया।
श्री रत्नेश सादा को मंत्री बनाए जाने से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रत्नेश सादा को बहुत पहले से हम जानते हैं। तीसरा टर्म चुनाव जीतकर आए हैं। हमने श्री रत्नेश सादा को बुलाया और पार्टी के अन्य लोगों से भी बात की, उसके बाद गवर्नर साहब से मंत्री बनाए जाने को लेकर बात हुई। संतोष कुमार सुमन के इस्तीफा को हमने राज्यपाल को भेजवा दिया और उसे स्वीकार कर लिया गया।