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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: आपको रांची का चर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव का मामला याद होगा। जिसमें झूठ बोलकर शादी करने और बाद में इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव देने और प्रताड़ित करने का आरोप तारा द्वारा लगाया गया था। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही थी । लेकिन अब इस मामले में बड़ी खबर आ रही है। दरअसल इस मामले में रांची की सीबीआई अदालत ने फैसला सुना दिया है। रांची की सीबीआई कोर्ट ने आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल, हाईकोर्ट के बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार विजिलेंस मुश्ताक अहमद और रकीबुल की मां कौशल रानी को दोषी ठहराया है।
साल 2014 में तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन और यौन उत्पीड़न मामले ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थीं। इस मामले में 2015 में सीबीआई ने जांच शुरू की थी। इसके बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी, जिसमें फैसला सुना दिया गया है। इस मामले में पांच अक्टूबर को सजा के बिन्दु पर सुनवाई होगी।
7 जुलाई 2014 को नेशनल शूटर तारा शाहदेव को रकीबुल ने धोखा देकर शादी की थी। शादी के कुछ दिनों के बाद तारा शाहदेव को पता चला कि रंजीत सिंह कोहली दरअसल रकिबुल है। इसके बाद रकीबुल तारा पर लगातार धर्म परिवर्तन कर उसे इस्लाम कबूलने का दबाव बनाने लगा। इस मामले में ना सिर्फ उससे मारपीट की जाती थी बल्कि उसे मानसिक रूप से भी काफी प्रताड़ित किया जाता था। तारा शाहदेव के अनुसार उसे कई बार पालतू कुत्ते से भी कटवाया गया था।
तारा शाहदेव ने आरोप लगाया था कि उसे कई कई दिन तक खाना भी नहीं दिया जाता था। रकीबुल और उसकी मां दोनों तारा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। उससे कहा जाता था कि अगर वह अपनी शादी को बचाना चाहती है और सामान्य जीवन जीना चाहती है तो वह इस्लाम कबूल कर ले। यही नहीं रकीबुल की मां ने उसे सख्त चेतावनी दे रखी थी कि वह सिंदूर न लगाए नहीं तो उसके हाथ तोड़ दिए जाएंगे।
वहीं तारा शाहदेव ने रकीबुल और उसके परिवार वालों पर दहेज मांगने का भी आरोप लगाया था। करीब डेढ़ महीने की प्रताड़ना के बाद 17 अगस्त 2014 को किसी तरह तारा ने अपने भाई को एक नौकर के मोबाइल से फोन किया और उसे पुलिस के साथ आने के लिए कहा। जिसके बाद पुलिस उसके ससुराल पहुंची और तारा शाहदेव को मुक्त कराया गया।
आपको बता दें कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ दो जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था। सीबीआई की ओर से कोर्ट में 26 गवाह पेश किए गये थे। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने 23 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में आज तीनों को दोषी ठहराया गया है।
अब इस केस में पांच अक्टूबर को दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।