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BIHAR NATION: बिहार में लंबे समय से खींचतान के बाद आखिरकार वह घड़ी आ ही गई जब मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया । आज यानी मंगलवार को नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया । लेकिन इस बार बीजेपी बाजी मार गई । ऐसी राजनीतिक हल्को में चर्चा थी कि जदयू 50-50 के फार्मूले पर मंत्रिमंडल का विस्तार चाह रही थी लेकिन बीजेपी इस बार बड़े भाई की भूमिका में आ गई ।यह पहला मौका है जब जदयू से अधिक बीजेपी को मंत्रालय मिला है।
इस बार नीतीश मंत्रिमंडल में बीजेपी के मंत्रियों की संख्या 16 हो गई तो जेडीयू कि मंत्रियों की संख्या 12 रह गई। नीतीश कुमार मंत्रियों की संख्या के लिहाज से छोटे भाई की भूमिका में आ गए हैं। इसके लिए संविधान के नियम भी आड़े आ गए हैं, जिसके मुताबिक सदन में कुल सदस्य के संख्या के लिहाज से 15 प्रतिशत ही मंत्री बन सकते हैं। इस वक्त बिहार में कुल 243 विधायक है और इसका 15 प्रतिशत 36 होता है। यानी हर साढ़े तीन विधायक पर एक मंत्री बन सकता है। इस लिहाज से देखे तो बीजेपी के हिस्से में लगभग 22 और जेडीयू कोटे में 14 आते हैं। फिलहाल बीजेपी के कोटे से 16 और एक वीआईपी समेत 17 मंत्री हैं।
जेडीयू से 12 और एक हम पार्टी से, यानी कुल संख्या तीस हो जाती है।अगर मुख्यमंत्री को भी जोड़ दें तो 31 मंत्री अब तक इस मंत्रिमंडल में शामिल हैं। अभी भी पांच सीट खाली हैं जिसमें से 4 बीजेपी के और एक जेडीयू के कोटा में जाएगा। भाजपा के 74 और जेडीयू के 44 विधायक हैं। संख्या के खेल में नीतीश कुमार बड़े भाई का दर्जा खो बैठे हैं।
वहीं संख्या के लिहाज से देखें तो 2005 से 2020 विधानसभा चुनाव परिणाम के पहले तक बिहार में बीजेपी, जेडीयू के छोटे भाई की भूमिका में रहती आई है। आज जब नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो मंत्रिमंडल में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में आ गई है।