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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में अक्सर पुश्तैनी जमीनी विवाद में हत्या की खबरें आते रहती हैं। लेकिन अंतिम निर्णय आखिर कागजात के द्वारा ही किया जाता है। इसके पीछे एक कारण जमीन से संबंधित नियमों की जानकारी का न होना भी है। इसके लिए पूरे बिहार में पुश्तैनी जमीन बेचने के लिए सरकार ने कई तरह के नियम बनाये हैं। ताकि पुश्तैनी जमीन की खरीद बिक्री सही तरीकों से हो सके और इस खरीद बिक्री के बाद किसी तरह के पारिवारिक विवाद ना हो।
कानून के अनुसार पुश्तैनी जमीन उस जमीन को कहा जाता हैं जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थान्तरित होती हैं। यानी की दादा, परदादा की जमीन पुश्तैनी जमीन कहलाती हैं। इस जमीन पर किसी व्यक्ति का जन्म से अधिकार होता हैं।
पुश्तैनी जमीन बेचने के नियम
1 .बिहार के सभी जिलों में पुश्तैनी जमीन बेचने के एक ही नियम हैं। आप उस नियम का पालन करते हुए अपनी पुश्तैनी जमीन बेच सकते हैं।
2 .दरअसल पुश्तैनी जमीन पर एक से अधिक व्यक्ति का अधिकार होता हैं। इसलिए इसे बेचने से पहले पारिवारिक सहमति या पारिवारिक बंटवारा ज़रूरी होता हैं।
3 .पारिवारिक बंटवारे के बाद पुश्तैनी जमीन का जो हिस्सा आपको मिलेगा, उस हिस्से की जमाबंदी अपने नाम से करानी होगी।
4 .जब जमीन की जमाबंदी आपके नाम से हो जाएगी। इसके बाद आप उस पुश्तैनी जमीन को बेच सकेंगे।
5 .बता दें की पारिवारिक बंटवारे के दौरान आपको बेटियों से अनुमति लेनी होगी। क्यों की पुश्तैनी जमीन पर बेटियों का भी अधिकार होता हैं।
इन सभी जानकारी के द्वारा पुश्तैनी के जमीनी विवाद से बचा जा सकता है।