BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में होली का त्योहार किसी के लिए खुशी भरा पर्व रहा तो कई परिवारों की जिंदगी उजड़ गई। होलिका दहन के बाद से अबतक कम से कम 32 लोगों की संदिग्ध मौत हो गई है। इस मौत से सीएम नीतीश कुमार के शराब बंदी कानून पर फिर से बड़ा सवाल उठने लगा है।
दरअसल मृतकों के परिजनों की ओर से मौतों का कारण शराब पीना बताया जा रहा है जबकि स्थानीय पुलिस प्रशासन की इसे सिरे से नकार रहा है। होली के दौरान हुई संदिग्ध मौतों में भागलपुर के 16, बांका के 12, मधेपुरा के तीन व नालंदा का एक मरने की खबर है।
वहीं बांका के अमरपुर थाना क्षेत्र के कई गांवों में एक के बाद एक कई लोगों की मौत हुई। शुक्रवार शाम से लोगों की तबीयत बिगड़नी शुरू हुई और उसके बाद रविवार देर रात तक 12 लोगों ने दम तोड़ दिया। इसी तरह भागलपुर, मधेपुर और नालंदा जिले में एक के बाद एक कई लोगों की मौत होने पर इसका कारण जहरीली शराब को बताया जा रहा है। हालांकि एसपी अरविंद कुमार गुप्ता एवं उत्पाद अधीक्षक अरूण मिश्रा के अनुसार उन्हें शराब पीने से मौत की सूचना तक नहीं है। अन्य जिलों के अधिकारी भी मौत का कारण शराब पीना नहीं बता रहे हैं।
बता दें कि न सिर्फ लोगों की मौत हुई है बल्कि कई लोग अभी बीमार हैं। उनका उपचार अस्पताल में चल रहा है. कुछ लोगों की आंखों की रौशनी जाने की भी बात सामने आई है। भले पुलिस-प्रशासन का दावा हो कि मौतों का कारण शराब नहीं है लेकिन परिजनों और राजनीतिक दलों की ओर से जहरीली शराब से हुई मौत की बात कही जा रही है।
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने होली पर एक साथ 32 लोगों की मौत और कई के बीमार होने पर नीतीश सरकार को घेरा है। राजद की ओर से ट्वीट किया गया- जितनी बिहार में लगातार शराब उपलब्ध हो जा रही है, वह बिना सत्तारूढ़ दलों और सरकार की मिलीभगत के संभव ही नहीं! इसमें सिर्फ़ बिहार पुलिस ही शामिल नहीं, यह ‘सामने गाँधीवादी और पीछे मदिरावादी’ का गोरखधंधा सत्ता के शीर्ष से संचालित हो रहा है! मतलब समझ रहे हैं ना आप?
मालूम हो कि होली त्योहार को लेकर नीतीश सरकार की ठीक होली से पहले बैठक हुई थी। जिसमें पर्व के दौरान शराब की पाबंदी पर विचार किया गया था । यहाँ तक कि शराब बंदी को सफल बनाने के लिए पुलिस को ड्रोन और हेलीकॉप्टर तक मुहैया कराया गया था । लेकिन फिर भी 32 लोगों की जान चली गई ।