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BIHAR NATION : कहा जाता है कि राजनीति में कोई न दोस्त होता है और न स्थायी दुश्मन । यह बात बिल्कुल सीएम नीतीश कुमार और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बीच कई मुलाकातों के दौर के बाद देखने को मिल सकती है। उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू कोटे से मंत्री का अहम पद मिल सकता है। नीतीश सरकार के केंद्रीय मंत्रीमंडल का इसी सप्ताह विस्तार हो सकता है। संभावना है कि रालोसपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा एक-दो दिनों के भीतर अपनी पार्टी का विलय जदयू में करेंगे। उन्हें जदयू कोटे से शिक्षा मंत्री बनाए जाने की बात तेजी से सियासी गलियारे में चल रही है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कुशवाहा की तीन मुलाकातों में विलय पर सहमति बन गयी है। रालोसपा का जदयू में विलय होते ही उपेंद्र कुशवाहा को जदयू कोटे से राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिल जाएगी। इस चर्चा में यह बात भी की जा रही कि उपेंद्र कुशवाहा चाहते हैं कि वह केंद्र की राजनीति करते रहें। उनकी जगह उनकी पत्नी को राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिले। बाद में उन्हें विधान परिषद भेजा जाए।
उपेंद्र कुशवाहा इसलिए बन सकते हैं शिक्षा मंत्री
जदयू की सोच है कि उपेंद्र कुशवाहा को साथ लाकर बिहार में लव-कुश समीकरण को मजबूत करने में औैर मदद मिलेगी। हाल ही में कुशवाहा समाज के नेता को जदयू ने अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। उपेंद्र कुशवाहा को साथ जोड़कर उन्हें जदयू कोटे से शिक्षा मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इसके पीछे यह समीकरण है कि पूर्व में कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा शिक्षा मंत्री थे। वह भी कुशवाहा समाज से आते थे। इस बार वह चुनाव हार गए। इसके बाद कुशवाहा समाज से चुन कर आए मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया गया। बीच में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। फिर से कुशवाहा समाज के ही नेता को शिक्षा मंत्री बनाया जाए इस कोण से भी उपेंद्र कुशवाहा को शिक्षा मंत्री बनाए जाने की चर्चा चल रही।