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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: अब बिहार में अनुकम्पा पर नौकरी के लिए नियम बद्ल दिये गये हैं । यह नियम खुद बिहार सरकार ने 30 वर्ष पूर्व बनाए थे। इसे लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्र भी जारी कर दिया है और साथ ही इसकी प्रतिलिपि सभी विभाग को भी भेज दी गई है।
वहीं नये आदेश के तहत अगर पति-पत्नी सरकारी सेवा में हों, उनमें से किसी एक का निधन होता है, तब भी उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल सकती है।
पुराने नियम के तहत यदि पति-पत्नी सेवा में हों, किसी एक की मृत्यु हो जाए, वैसी स्थिति में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का लाभ उनके परिवार के किसी सदस्य को नहीं मिल रहा था। 1991 के पहले तक ऐसे मामले में आश्रित को वर्ग तीन एवं चार के पदों पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल जाती थी। लेकिन 5 अक्टूबर 1991 के बाद इस निमय में संशोधन कर इसे बंद कर दिया गया था।
इधर सामान्य प्रशासन विभाग के पास इस आधार पर नौकरी देने के बारे दिशा निर्देश के लिए कई मामले आए। जिसको लेकर विभाग ने इस विषय में विधि विभाग की राय मांगी थी। विधि विभाग के पास उदाहरण के तौर पर एक मामला दिया गया। विधि विभाग की राय थी कि पति-पत्नी में कोई एक अवकाश ग्रहण कर चुका है। किसी एक की कार्यकाल में मृत्यु हो जाती है। ऐसे में मृत सरकारी सेवक के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर बहाल किया जा सकता है। क्योंकि सेवा निवृति के बाद किसी को सरकारी सेवक नहीं माना जा सकता है।
आपको यह भी बता दें कि नियम में बदलाव के बावजूद भी पीड़ित के आश्रितों को अन्य मामलों में कोई छूट नहीं दी जाएगी। जहाँ भी उनकी नियुक्ति की जाएगी वहाँ उस वर्ग की तय योग्यता को पूरा करना होगा। ये सारी बातें सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना में साफ-साफ कही गई है।