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नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला- बिहार के लगभग 46 हजार स्कूलों में प्रधान शिक्षक और हेडमास्टर की होगी बहाली
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये ।बैठक में इस महत्वपूर्ण बात पर मुहर लगी की बिहार की स्कूलों में लगभग 46 हजार स्कूलों के प्रधान शिक्षक और हेडमास्टर के पद भरे जाएंगे । इसका नोटिफिकेशन भी जल्द ही जारी किया जाएगा । बता दें कि मंगलवार को यह बैठक शाम में चार देशरत्न स्थित संवाद में हुई ।
वहीं मंत्रिपरिषद की इस अहम बैठक में 17 एजेंडों पर मुहर लगी है. मंत्रिपरिषद की इस महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। बिहार के प्राथमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 45 हजार 852 हेडमास्टरों की बीपीएससी से सीधी नियुक्ति होगी। इनमें 40 हजार 518 पद प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षकों की जबकि 5 हजार 334 प्रधानाध्यापक के पद उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों के होंगे।
सरकार ने बिहार कैबिनेट की पिछली बैठक में ही राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवा शर्त नियमावली -2021 को मंजूरी दे दी।
वहीं, बिहार राज्य उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवा शर्त नियमावली- 2021 की भी स्वीकृति दी थी।
गौरतलब हो कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्कूली शिक्षा के विकास एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालय स्तर पर कुशल एवं प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता जताई थी तब उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान अध्यापक का संवर्ग और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक संवर्ग का गठन करने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि अबतक ऐसे स्कूलों में सबसे वरीय शिक्षक विद्यालय का संचालन करते थे। प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के नए संवर्ग के पदों पर सिर्फ शिक्षक ही दावेदार होंगे।
आपको बता दें कि प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक
बनने के लिये योग्यता 8 साल तक का सरकारी स्कूलों में शिक्षण तय किया गया है। जबकि हाई स्कूलों के प्रधानाध्यापक के लिये सरकारी स्कूलों के वे शिक्षक जो मूल कोटि में 8 साल पूरा किये हो। वहीं प्राइवेट स्कूलों के के लिये योग्यता 12 साल की सेवा रखी गई है।