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औरंगाबाद: निगरानी विभाग ने 40 हजार रुपये घूस के साथ सहायक अभियंता को किया अरेस्ट
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार के औरंगाबाद जिले से बड़ी खबर है। जहाँ सोमवार को 40हजार रुपये घूस लेते एक इंजीनियर को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि गिरफ्तार इंजीनियर स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन(एलएइओ), औरंगाबाद कार्य प्रमंडल के सहायक अभियंता ईं. सीताराम साहनी हैं। दरअसल यह पूरा मामला तबादले के बाद नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने को लेकर जुड़ा है।
इस बारे में निगरानी थाना, पटना के थानाध्यक्ष विनोद पांडेय ने बताया कि 16 अगस्त को एलएइओ, बक्सर के कनीय अभियंता व रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला थाना के महुअरी गांव के निवासी विनय कुमार ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके ही विभाग के सहायक अभियंता ईं. सीताराम साहनी औरंगाबाद से तबादले के बाद उन्हे नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने के लिए 50 हजार रुपये की घूस की मांग कर रहे हैं। इसी शिकायत के आधार पर निगरानी ब्यूरो के डीएसपी अरूण पासवान के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। जो सोमवार को पटना से औरंगाबाद पहुंची।
वहीं निगरानी टीम के निर्देशानुसार इशारे पर सहायक अभियंता विनय कुमार ने जैसे ही श्री साहनी को शहर के सोशल क्लब के पास स्थित किराये के आवास पर तोल मोल कर रिश्वत की रकम दी, वैसे ही सादे लिबास में आसपास में मौजूद निगरानी की टीम ने रिश्वतखोर सहायक अभियंता को रिश्वत में प्राप्त 40 हजार की नगदी के साथ रंगेहाथ दबोच लिया।
इस निगरानी की टीम में इंस्पेक्टर मिथिलेश पासवान एवं सत्येंद्र राम समेत सशस्त्र बल शामिल रहे। गिरफ्तारी के बाद निगरानी की टीम रिश्वतखोर सहायक अभियंता को अपने साथ पटना ले गई है, जहां मंगलवार को उन्हे निगरानी की विशेष अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया जाएगा।
आपको बता दें कि सीएम नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के नीति है। उन्होंने कई बार अपनी सभाओं में कहा है कि जो भी गलत या नाजायज़ तरीके से संपत्ति अर्जित करेगा उसकी संपत्ति सीज कर ली जाएगी। वहीं इसके पहले भी जिले में आय से अधिक मामले में कई अधिकारियों पर छापेमारी की गई थी। जिनपर बालू माफियाओं के साथ सांठ-गांठ के आरोप लगे थे। साथ ही उनके बेहिसाब संपत्ति और फ्लैट को भी पटना एवं अन्य स्थानों से जब्त किया गया था।