BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
औरंगाबाद: जाप पार्टी के प्रदेश महासचिव समदर्शी ने कहा- यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या सत्ता के अहंकार को दिखाता है
बिहार नेशन: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में सत्ता के अहंकार में चूर गुंडे ने किसानों को अपनी गाड़ी के नीचे रौंदकर मार दिया । उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश महासचिव सह किसान प्रकोष्ठ प्रभारी, बिहार के संदीप सिंह समदर्शी ने औरंगाबाद जिले अन्तर्गत रफीगंज प्रखंड में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा और आगे बताया कि एक लोकतांत्रिक देश में राजनीति उतनी ही महत्व रखती है जितनी की दांतो के बीच एक जीभ।
दांतों के बीच में रहकर जीव को बड़ी सावधानी से अपने सारे काम करने पड़ते हैं। वैसे ही लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहकर राजनीतिक दलों को राजनीति भी करना पड़ता है । लेकिन भाजपा सरकार खुद को अलोकतांत्रिक होने की प्रमाण बांट रही है और सारी सीमाएं पार कर चुकी है। स्वतंत्र भारत से पूर्व और स्वतंत्र भारत के पश्चात एक लंबी अवधि बीतने के बावजूद भी भारतीय किसानों की दशा में कुछ बदलाव नहीं हुआ।
भारत एक कृषि प्रधान देश है जो केवल कहने को रह गया है सरकार किसानों की दशा और दिशा में विकास एवं उत्थान के नाम पर केवल रोटियां सेकने का काम करती रही है जबकि देश की अर्थव्यवस्था के विकास में किसानों का अहम योगदान रहा है।
किसानों की समस्याएं कम होने के बजाय दिन प्रतिदिन बड़ी और जटिल होती जा रही है, पिछले लगभग 11 महीनों से किसान दिल्ली के सड़कों पर आंदोलित है, सैकड़ों किसानों की मौत हो चुकी है जिसमें कुछ प्राकृतिक कारणों से तो कुछ आर्थिक अप्राकृतिक कारणों से हुई है लेकिन उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है। पिछले 7 सालों से सरकार भले ही किसानों के हितैषी होने का दम्भ भर् रही है लेकिन उनकी कथनी और करनी में अंतर है। देश के किसानों की जाने जा रही है।
इस 11 महीने के आंदोलन में किसान कहीं सड़कों पर पीटे जा रहे हैं तो कहीं उनकी हत्याएं हो रही हैं,। हाल ही की घटना में रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया जिससे चार किसानों की मौत हो गई और इसके बाद भड़की हिंसा में चार लोग और मारे गए।
इस पर सरकार ठोस कार्रवाई करने के बजाय दलगत भावना से राजनीतिक कर रही हैं। सरकार आरोपी को बचाने का भरसक लगातार प्रयास कर रही है। समदर्शी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार किसानों पर जैसा जुल्म कर रही है वैसा जुर्म तो अंग्रेज भी नहीं करते थे।
उन्होंने कहा कि घटना के बाद घटनास्थल पर जा रहे तमाम विपक्ष के बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया जा रहा है । चाहे वह राहुल गांधी हो या प्रियंका गांधी वाड्रा या फिर अखिलेश यादव हों । बड़े शर्म की बात है कि इन तमाम बड़े नेताओं का हिरासत के पीछे आरोप है कि यह घटना स्थल पर जाकर हिंसा को कम करने के बजाए और भड़का देंगे। हद है इस कुंभकर्ण सरकार की जो संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर चुकी है।
देश के लोकतंत्र वादी व्यवस्था की सरकार गला घोट रही है, सरेआम हत्याएं हो रही है। केंद्र सरकार अपराध नियंत्रण और दोषी को सजा देने के बजाय अपराधी को संरक्षण दे रही है और विपक्ष को बदनाम कर रही है।
गौरतलब है कि इन परिस्थितियों में यदि विपक्ष पीड़ित परिवारों से मिलता है तो उसमें हिंसा भड़काने वाली बात कहां से उत्पन्न होती है । हालांकि इस घटना ने सरकार के क्रूर और अलोकतांत्रिक तरीकों को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
समदर्शी ने यह भी कहा कि आज देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था चौपट हो गई है जिससे रक्षा और सामाजिक व्यवस्था गहरे संकट के दौर से गुजर रही है।
महंगाई आसमान छूती जा रही है और बेरोजगारी बढ़ती जा रही हैं, सरकार ने लोगों को जीना मुहाल कर दिया, देश की स्थिति चौपट हो चुकी है शिक्षा व्यवस्था और गंभीर होती चली जा रही है, कृषि संकट के लेकर आए दिन किसान आत्महत्या करने को विवश है।
भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के तगमा दिया गया है लेकिन यहां की विकृत राजनीति ने उस लोकतंत्र की कब की हत्या कर चुकी है। जिस लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता के अधिकारों एवं उसको मूल्यों पर राजनीति हावी हो वहां लोकतंत्र की हत्या निश्चित है ।
उन्होंने कहा कि जो राजनीति स्वार्थ की भावना से कर रहे हो, उनसे लोकतंत्र के महान मूल्यों की रक्षा करने की उम्मीद रखना व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना की जितनी भी निंदा की जाय, वह कम होगी।