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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का मुद्दा मंगलवार को संसद में उठाया है। उन्होंने संसद में कहा कि आकांक्षी जिला के रूप में गया और औरंगाबाद जिले के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाए। क्योंकि ये दोनों जिले आकांक्षी जिले की सूची में हैं । उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्री से सवाल किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। राज्य वार कितना आवंटन दिया गया है और मंत्रालय के नियंत्रणाधीन निकायों में इसके लिए किए गए प्रयासों से कितना असर पड़ा है। मंत्री के जवाब पर संतोष जताते हुए कहा कि 40 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है जिसमें 28 लाख युवाओं को नियोजित किया जा चुका है। इसके बावजूद प्रखंड स्तर पर स्वीकृत निधियों में से केवल 24 सौ उद्यमियों की सहायता की जा सकती है। अधिकतम बजट 597 लाख है।
सांसद ने कहा की नक्सल प्रभावित होने के कारण युवाओं तक विकास पहुंचना जरूरी है ताकि वे मुख्यधारा से नहीं भटके और ना ही बंदूक उठाकर गलत रास्ते पर चले जाएं।बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार देने या नियोजित करने की योजना की जानकारी सांसद ने मांगी। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि उक्त जिले संवेदनशील श्रेणी में हैं। आरसेटी के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रोजेक्ट उन्नति के माध्यम से और एनआरएलएम के माध्यम से भी काम हो रहा है। यदि जिले से प्रस्ताव आता है तो उस पर विचार किया जाएगा।
सांसद ने कहा कि वे इस बात के लिए धन्यवाद दे रहे हैं कि बिहार को स्वीकृत निधि में 6704 लाख रुपए मिलने थे जिसमें केंद्र का अंश 4022 लाख रुपए है। वे एक विशेष योजना शुरू करवाना चाहते हैं। क्या केन्द्र सरकार राज्य से प्रस्ताव मांग कर युवाओं को एक विशेष योजना के तहत काम दिलवाने की दिशा में प्रयास कर सकती है। इसके लिए सौर उर्जा चालित चरखा देकर सूत काटने की व्यवस्था कराई जा सकती है। उसकी मार्केटिंग में भी सरकार सहायता करे।
वहीं ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि पूरे देश भर में आजीविका मिशन के तहत काम हो रहा है। इससे पहले 2. 35 करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई थी लेकिन अब 8करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं । बिहार से केवल सवा करोड़ महिलाओं को जोड़ा गया है और पांच लाख करोड़ का बैंक से लिंकेज मिला है। वहीं उन्होंने कहा कि अगर जिला स्तर से प्रस्ताव भेजा जाता है तो उसपर विचार किया जाएगा । जबकि युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए बैंक के स्तर से आरसेटी उपलब्ध है जहाँ निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।