BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: औरंगाबाद से बिहार विधानपरिषद के लिए आरजेडी प्रत्याशी अनुज कुमार सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पूर्व में हुए एमएलसी के चुनावों की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि पहले चुनावों में क्या होता था यह किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने सोमवार को हो रहे एमएलसी चुनाव के दौरान औरंगाबाद प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित बूथ का जायजा लेने के बाद ये बाते कहीं । उन्होंने सत्ता पक्ष से नही होने के बावजूद वोटिंग की व्यवस्था पर बेहद संतोष जताया और प्रशासन को धन्यवाद दिया।
आरजेडी प्रत्याशी अनुज कुमार सिंह ने पूरी बात को खोले बगैर इशारो में कहा कि स्थानीय प्राधिकार के एमएलसी चुनाव में पहले वोटिंग में क्या होता रहा है, यह आप भी जानते है और हम भी जानते है लेकिन संतोष की बात है कि यहां ऐसा कुछ भी नही हो रहा है क्योकि मतपेटी पीठासीन पदाधिकारी के समक्ष रखी है, जिससे उन्हे यह साफ दिख जा रहा है कि बैलेट लेने वाले किस वोटर ने बैलेट को बॉक्स में डाला या नहीं।
गौरतलब है कि स्थानीय प्राधिकार कोटे का एमएलसी चुनाव धनबल के प्रयोग को लेकर बदनाम रहा है। इस चुनाव में ऐसे ऐसे कथित खेल होते रहे है, जिनकी कल्पना नही की जा सकती। अनुज सिंह ने ऐसे ही खेल के बारे में इशारा किया है।
सूत्र बताते है कि स्थानीय प्राधिकार कोटे के एमएलसी चुनाव में यह होता आया है कि नोट के बदले किसी खास उम्मीदवार को वोट करने वाला वोटर बूथ पर जाकर अपना बैलेट तो लेता था लेकिन उसे मतपेटी में डाले बगैर सादा ही लेकर उम्मीदवार के कैम्प में चला आता था। कैम्प में बैलेट पर उस उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की जाती थी। इसके बाद वोट किये हुए उस बैलेट को उसी बूथ पर वोट देने जा रहे वोटर को दे दिया जाता था। वह वोटर बूथ पर मिला अपना बैलेट सादा लेकर कैम्प में आता और पहले से मिले दूसरे वोटर के वोट किए बैलेट को मतपेटी में डाल देता था। इस तरह पैसे देकर वोट ले रहे उम्मीदवार और उनके समर्थक इस तरह की प्रक्रिया अपना कर पूरी तरह से आश्वस्त हो जाते थे कि उन्हे ही वोट मिला है।
आपको बता दें कि अनुज कुमार सिंह का इशारा इसी तरफ था। उन्हें स्थानीय प्राधिकार कोटे से होनेवाले एमएलसी चुनाव की हर बारीकी की जानकारी अन्य जो उम्मीदवार खड़े हैं उनसे अधिक है। क्योंकि वे पहले भी गया जिले से स्थानीय कोटे से ही बिहार विधानपरिषद के सदस्य रहे हैं ।