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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: हरियाणा के करनाल में शनिवार को किसानों पर हुये लाठी चार्ज में एक किसान की मौत पर जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश महासचिव संदीप सिंह समदर्शी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हम मृत किसान के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
मृतक के प्रति हमारी पार्टी की संवेदना है। हम सभी उनके परिवार के साथ है। सरकार के संरक्षण में अब प्रशासन भी हिटलर शाह हो गई है और निहत्थे किसानों पर लाठी-डंडे का प्रहार कर उन्हें साजिश के तहत हत्या करवा रही है, जो यह बर्दाश्त से बाहर है।
जिस हत्या को सरकार एवं अधिकारी प्राकृतिक मौत साबित करने पर तुली हुई हैं, असल में वह पुलिस के लाठी-डंडों का शिकार हुआ है। एक विडियों वायरल हो रहा रहा जिसमें आप साफ़ देख सकते हैं कि एसडीएम आयुष सिन्हा यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि बैरिकेड के आगे कोई किसान जाए तो उसका सिर फोड़ देना।
यहां से निकलने की कोशिश करे तो लठ्ठ उठा-उठा के मारना बस। मैं स्पष्ट ऑर्डर देता हूं, उसका सिर फोड़ देना। कोई डाउट नहीं है, किसी डायरेक्शन की जरूरत नहीं है। ये नाका किसी हालत में तोड़ने नहीं देंगे। पीछे और फोर्स लगी है। यहां आपको लगा रखा है शुरू में। हेलमेट पहन लो। यहां से एक बंदा भी नहीं जाना चाहिए और अगर गया तो सिर फूटा होना चाहिए उसका।
जाप नेता समदर्शी ने आगे बताया कि देश के किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी नही है। नोटबन्दी और जीएसटी किसानों को कंगाल बना दिया है। यह कितना शर्म की बात है कि एक जिम्मेदार अधिकारी इस तरह की बात कर रहा है। इसके बावजूद अब तक एसडीएम पर कोई कार्यवाई न होना इससे यह स्पष्ट होता है कि यह सब भाजपा सरकार के इशारे पर हो रहा है, जो किसी भी रूप में बर्दाश्त के लायक नहीं है।
उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब एक अधिकारी को बचाने के लिए सरकार समर्थित कई अधिकारियों को झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है। जो व्यक्ति पिछले कई दिनों से किसान आंदोलन का हिस्सा है उसे प्राकृतिक मौत का नाम दिया जा रहा है। यह बात करनाल की पुलिस महानिरीक्षक ममता सिंह ने खुद कही है कि उसकी प्राकृतिक कारणों से मृत्यु हुई है।
जबकि यह हकीकत है कि मृतक किसान पुलिस के डंडो का शिकार हुआ है। सरकार निर्दोष किसान को मुआवजा दे और दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई शीघ्र करें, नहीं तो जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) बिहार में आंदोलन के लिए बाध्य होगी।