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औरंगाबाद: जिला स्तरीय उद्योग मेला – सह-प्रदशनी कार्यक्रम का उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने किया उद्घाटन
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: औरंगाबाद जिले में 14, 15 एवं 16 अक्टूबर को गेट स्कूल औरंगाबाद के मैदान में जिला स्तरीय उद्योग मेला – सह-प्रदशनी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आज यानी शुक्रवार को इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के माननीय उद्योग मंत्री, श्री समीर कुमार महासेठ द्वारा 5 बजे अपराहन में किया गया। बता दें कि इस मेले का आयोजन प्रधान सचिव, उद्योग विभाग, बिहार सरकार के निर्देशानुसार अपर सचिव, उद्योग विभाग बिहार पटना द्वारा जारी पत्र के आलोक में किया जा रहा है।
इस मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री, समीर कुमार महासेठ ने कहा कि उद्योग मंत्री बनने के बाद उन्होंने उद्योग विभाग की सारी योजनाओं की समीक्षा की है और सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि त्वरित गति से कार्रवाई करते हुए उद्योगपतियों को नए-नए उद्योग लगाने में मदद करें। बिहार राज्य में जितने अधिक उद्योग लगेंगे, युवाओं को उतना ज्यादा रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि किसी दूसरे राज्य में जाकर नौकरी करने से कई गुना बेहतर अपने प्रदेश में स्वरोजगार स्थापित करते हुए कई दूसरे लोगों को काम पर लगाना है। उद्योगों से उद्योग लगाने वाले की तरक्की तो होती ही है, राज्य का भी तेज विकास होता है। जिस प्रदेश में जितना ज्यादा उद्योग लगता है वह प्रदेश उतना ज्यादा विकसित होता है। हम अगले कुछ सालों में बिहार को औद्योगिक दृष्टि से दस सबसे अधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसमें सब का सहयोग चाहिए। उद्योगपति, व्यापारी, बैंक और सरकार मिलकर काम करेंगे तो उद्योग के क्षेत्र में तेजी से विकास होगा। सबके साथ समन्वय स्थापित करके हम काम कर रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र में नए-नए उद्योग लगाने की अपार संभावना मौजूद है।
इस अवसर पर उद्योग विभाग के खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के निदेशक, विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। सरकार की ओर से नए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना तथा पुरानी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के विस्तार के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जा रही है जो ₹10 लाख तक का है। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को तकनीकी सुविधा और ब्रांडिंग के लिए भी सरकारी स्तर पर मदद दी जा रही है। पीएमएफएमई स्कीम के तहत है, समूह में काम करने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कलस्टर की स्थापना के लिए भी आर्थिक मदद देने की व्यवस्था है। जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण इकाई को लगाने के लिए इच्छुक लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।