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Aurangabad: कैसा रहा भाकपा माओवादियों के मगध बंदी का असर रहा, जानें
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: गुरुवार को प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादियों के एकदिवसीय मगध बंदी का असर मिलाजुला देखा गया । औरंगाबाद जिले में कई जगहों पर दुकानें खुली रही तो कई क्षेत्रों में बंद रहा । मदनपुर प्रखंड के देहाती क्षेत्रों में, देव, अंबा, नवीनगर, टंडवा सहित अन्य प्रखंडों में दुकानें बंद रहीं। वहीं बंद का अंबा बाजार में मिलाजुला असर देखा गया।
बैंकों के शटर डाउन रहे और ग्राहक सेवा बाधित रही। ग्राहक बैंकों तक आए पर उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। बाजार की कुछ दुकानें खुली तो कुछ बंद रही। हालांकि पूर्व की बंदी की तुलना में इस बार असर कम देखा गया। काफी संख्या में दुकानें खुली दिखीं। बाजार में सन्नाटे का आलम नहीं रहा। आस-पास के अन्य छोटे बाजार भी खुले रहे। दुकानदारों ने भी बताया कि बंदी की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इसको लेकर कई दुकानदार उहापोह में थे। बसों का परिचालन हुआ पर लोकल यात्री बस कम चली। बसों के कम चलने से यात्रियों को परेशानी हुई। इस स्थिति में ऑटो चालकों की चांदी रही। खासकर गया-औरंगाबाद के रूटों पर बसों की कमी का व्यापक असर पड़ा।
आपको बता दें कि नक्सलियों ने गुरुवार को बंदी का आह्वान किया था। उन्होंने कई जगहों पर पोस्टर भी चिपकाये थें । साथ ही नक्सलियों ने कहा था कि वे मगध क्षेत्र में बंदी का एलान करते हैं । वे गया-औरंगाबाद सीमा पर हुई पुलिसिया कारवाई के विरोध में बंदी का आह्वान करते हैं । वहीं इस मामले में औरंगाबाद जिले के एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि बंदी का असर पहले की तुलना बहुत कम रहा । पुलिस जनता के बीच में विश्वास पैदा कर रही है। इसलिए अब आम लोगों पर से बंदी का असर खत्म हो रहा है।